November 23, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

CGTET-2024 | पूर्व सीएम ने लगाया शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप

1 min read
Spread the love

CGTET-2024 | Former CM alleges irregularities in teacher eligibility test

रायपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर छात्रों से मुलाकात पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि 400 छात्रों का भविष्य दांव पर है। मैंने इस संबंध में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय को खत लिखा है। छात्रों को परीक्षा में दोबारा बैठने की अनुमति देने की मांग की है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा धमतरी जिले के भखारा में आयोजित की गई थी। वहां परीक्षा देने के लिए 400 विद्यार्थी बैठे थे, लेकिन समय पर परीक्षा नहीं दे सके क्योंकि क्वेश्चन पेपर नहीं थ। ओएमआर शीट नहीं थी। 400 छात्रों में से केवल 160 को ही ओएमआर शीट मिली। इस वजह से डेढ़ घंटे बाद भी छात्र परीक्षा नहीं दे सके। बच्चों ने इस संबंध में मांग भी कि उनका समय बढ़ा दिया जाए, लेकिन नहीं बढ़ाया गया गया। ऐसे में 400 बच्चों को भविष्य अंधकार में है, जो स्थिति नीट के एग्जाम में हुआ, उसकी वजह से बोनस अंक दिया गया। इस संबंध में हमने सीएम साय को पत्र लिखा है कि इन बच्चों को फिर से एग्जाम में बैठाया जाए। इस लापरवाही की वजह से इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। डेढ़ घंटा जो विलंब से ओएमआर शीट मिली है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

‘दो सतनामी समाज के जज होने चाहिये’ –

बलौदा बाजार हिंसा पर कहां का प्रशासन गांव-गांव में जाकर निर्दोष लोगों की हिरासत में ले रहा है, जबकि बीजेपी के जो नेता हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उनके जो समर्थक हैं या जो उनके गुप्त सहयोगी हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि हाईकोर्ट की देखरेख में जज के माध्यम से इस मामले की जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में जो एक सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है, उसमें भी दो सतनामी समाज के जज भी होने चाहिए।

‘मजबूरी में अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहा विपक्ष, देश में अघोषित आपातकाल’ –

पूर्व सीएम बघेल ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर कहा कि पीएम मोदी कभी विपक्ष को ध्यान में नहीं रखते हैं। पीएम ने विपक्ष की उपाध्यक्ष पद की मांग को खारिज कर दिया। विपक्ष को चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। यह पीएम मोदी की हठधर्मिता है। यह उनके कार्य करने की शैली है। वह किसी का सहयोग नहीं लेते हैं। प्रधानमंत्री विपक्ष से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा करते हैं, लेकिन जब विपक्ष ने डिमांड रखी कि अध्यक्ष पद हमें दिया जाए, इस पर उन्होंने इनकार कर दिया। इस वजह से मजबूरन में विपक्ष को अध्यक्ष का चुनाव लड़ना पड़ रहा है। इससे साफ है कि यह निरंकुश शासन है। 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने जो आपातकाल लागू किया था, उससे पूरा देश वाकिफ है। इंदिरा ने साहस कर घोषित आपातकाल लगाया था, लेकिन 10 साल से पीएम मोदी ने अघोषित आपातकाल लगा रखा है। किसान वीरगति को प्राप्त हो रहे हैं।

इससे कोई लेना-देना नहीं है। आरोप लगाया कि सरकार मीडिया को दबा के रखी है। विपक्ष के लोग यदि सवाल करते हैं तो उन्हें जेल में ठूंस दिया जाता है। विभिन्न मामलों में जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। ये सारी बातें स्पष्ट करती हैं कि यह घोषित आपातकाल बहुत खतरनाक है और प्रजातंत्र में यदि पीएम मोदी को जरा सा भी विश्वास होता तो फिर कांग्रेस के बैंक खातें सीज नहीं करते। यही स्थिति पूरे देश में है। इसके बावजूद लोगों में लोकतंत्र के प्रति गहरा विश्वास। इस वजह से मोदी संविधान को बदलने की जो बात कर रहे हैं, वह नहीं कर पाएंगे। तीन काले कानून, आईपीसी सीआरपीसी में बदलाव किया गया। लोकसभा के 47 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। एक दिन में 78 सांसद निलंबित कर दिये गये, ये तानाशाही नहीं तो और क्या है? यह घोषित तानाशाही चल रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *