November 27, 2024

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Cg Viral Audio | DEO ने फोन पर संकुल प्रभारी व शिक्षकों की जमकर क्लास, अपना पढ़ाया भी भूल गए शिक्षक, क्या होगी कार्यवाही ?

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कबीरधाम। कोरोना की वजह से पहले से ही बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है। शिक्षा जगत का एक ऑडियो वायरल हो गया हैं, जिसमें नव पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी, संकुल प्रभारी और शिक्षकों की जमकर क्लास लगा रहे हैं। क्योंकि इन शिक्षकों से तो क्लास लगाई नहीं जाती ना ? केवल झोला लेकर टाइमपास करने चले आते हैं ….

क्या है पूरा मामला ? –

दरअसल, पंडरिया से लगे संकुल पाढ़ी प्रभारी ने गंगापुर स्कूल के ग्रुप में पढ़ते हुए बच्चों की फोटो शेयर की। वही जिला शिक्षा अधिकारी श्री पांडेय ने इस तस्वीर को देखकर संकुल प्रभारी को कॉल किया। डीईओ ने संकुल प्रभारी से पूछा कि आज मिडिल स्कूल में कितने बच्चे आए हैं ? तब सामने से जवाब आता है कि कोई भी बच्चा नहीं आया, जबकि यहां भर्ती किये गए बच्चों की संख्या 190 हैं। यह सुनकर डीईओ के होश उड़ जाते हैं, तब वह कहते हैं कि शिक्षक तो आए हैं ना ? हां, जवाब आने पर उनसे बात कराने को कहा जाता है।

खुद का पढ़ाया पाठ भूल गई शिक्षिका –

15 जून से स्कूल खुल चुके हैं लेकिन जब डीईओ ने इन शिक्षकों से पूछा कि आपने अब तक कितना पाठ्यक्रम पढ़ा लिया हैं? तो ये लोग गोलमोल जवाब देने लगते हैं। वहीं, वायरल ऑडियो में डीईओ राकेश पाण्डे ने मिडिल की संस्कृत की शिक्षिका से पूछा की अस्मत की प्रथम द्वितीया व तृतीया जानती हो..? जवाब था बहुत दिन हो गया भूल गई हूं सर!… संस्कृत के पाठ 1 में क्या
है पूछने पर भी सही जवाब नहीं दे सकी।

साथ ही आडियो में सबसे ज्यादा मजेदार प्वाइंट जब अधिकारी ने पूछा, मेरा स्कूल सुंदर दिखता है। इसे संस्कृत में बोलिये –

शिक्षिका ने कहा, मम् स्कूलम् सुंदरम दृष्यति।

अधिकारी- स्कूलम्?

शिक्षिका – सॉरी सर, मम् शालाम् सुंदरम दृष्यंति।

ना पालकों से संपर्क ना मेंटेन की डायरी –

सबसे खराब बात तो यह हैं कि सभी शिक्षक सिर्फ स्कूल में बैठ के टाइम पास कर वापस आ रहे हैं। तभी तो इन्होंने ना पालकों से संपर्क किया है व ना ही पढ़ाये गए पाठ्यक्रम की डायरी मेंटेन की है। जिला शिक्षा अधिकारी इन सभी पर खूब बरसे और सभी को हिदायत दी कि वे जल्द ही स्कूल निरीक्षण पर आएंगे और तब जो होगा देखने लायक होगा।

डीईओ पर अफसरशाही होने की निंदा –

कहते हैं ना उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। DEO अपना काम कर रहे हैं लेकिन उनके काम की निंदा करने वाले शिक्षक भूल गए हैं कि वह सभी अपना काम नहीं कर रहे हैं। खुद को शिक्षक बोलते हुए इन्हें शर्म आनी चाहिए, जो ये तक नहीं जानते कि पढ़ाये गए पहले पाठ में क्या है ?

बहरहाल, इस वायरल ऑडियो को सुनने से इतना तो समझ आ गया है कि इन शिक्षकों का काम केवल मोटी सैलरी लेना है और घूम कर चला जाना है। इन पर उचित कार्यवाही होनी चाहिए इन पर ही क्यों छत्तीसगढ़ के उन तमाम शिक्षकों पर कार्यवाही होनी चाहिए जो शिक्षा को टाइमपास समझ रहे हैं।

हमारा मानना है कि यदि एक बार फिर इनका एग्जाम ले लिया गया तो यह अवश्य ही फेल हो जाएंगे। इनका कंपटीशन तो उन बच्चों से तक नहीं है जिन्हें यह शिक्षा दे रहे हैं। इन्हें तो भेड़ चाल में नौकरी मिल गई, लेकिन जिन पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी की जरूरत है वे बेरोजगार बैठे हैं।

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