DURG | जिला अस्पताल में मिला नरकंकाल, टीशर्ट में लिपटी है हड्डियां, नरमुंड व कंकाल को फारेंसिक लैब भेजने की तैयारी, कर्मचारियों में दहशत
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दुर्ग । दुर्ग जिला अस्पताल परिसर में बने पुराने कुएं से 6 माह पुराना नरकंकाल मिलने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। नरकंकाल को देखने के बाद आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद शव को अधजली स्थिति में फेंका गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित जिला अस्पताल परिसर में बने पुराने कुएं से शुक्रवार को नरकंकाल बरामद हुआ है।
अभी तक नरमुंड व शरीर का ऊपरी हिस्सा मिला है। नरकंकाल को देखने के बाद आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद शव को अधजली स्थिति में फेंका गया है। पुलिस के अनुसार, नरमुंड व कंकाल करीब 6 माह पुराना है। फिलहाल उसे फारेंसिक लैब को भेजा जा रहा है।
कुएं में काफी गंदगी भरा हुआ था
नगर निगम दुर्ग और भिलाई ने इन दिनों पुराने पार्क और स्थलों की सफाई को लेकर अभियान चला रखा है। दुर्ग कोतवाली क्षेत्र स्थित जिला अस्पताल परिसर में बने कुएं में काफी गंदगी भरी देख शुक्रवार सुबह सफाई करने के लिए टीम पहुंची थी। कर्मचारियों ने कचरा बाहर निकाला तो उसके साथ एक नरमुंड भी बाहर आ गया। इसके बाद सफाई कर्मचारी डरकर वहां से भाग गए।
कुआं करीब 100 साल पुराना
बताया जा रहा है कि कुआं करीब 100 साल पुराना है। इसे अंग्रेजों ने बनवाया था। नीचे तक गंदगी न जाए और पानी भी मिले, इसे देखते हुए कुएं के अंदर के जाली भी लगवाई गई है। इसी जाली पर ही कचरे के साथ कंकाल बरामद हुआ है।
कुएं से एक टीशर्ट में हड्डियां लिपटी हुई मिली
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पहुंची और मजदूरों को बुलाकर कुएं की सफाई शुरू कराई। इसके थोड़ी देर बाद शरीर के ऊपरी हिस्से का भी कंकाल मिला। यह एक बोरे में लिपटा हुआ था। कुएं से एक टीशर्ट में हड्डियां लिपटी हुई मिली हैं। जिसको देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी 12-13 साल के बच्चे का कंकाल हो सकता है। जिसको मारने के बाद शव के टुकड़े भी किए गए हैं। कुएं से एक टीशर्ट में हड्डियां लिपटी हुई मिली हैं। जिसको देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी 12-13 साल के बच्चे का कंकाल हो सकता है। जिसको मारने के बाद शव के टुकड़े भी किए गए हैं।
कचरे के साथ कंकाल बरामद हुआ
बताया जा रहा है कि कुआं करीब 100 साल पुराना है। इसे अंग्रेजों ने बनवाया था। नीचे तक गंदगी न जाए और पानी भी मिले, इसे देखते हुए कुएं के अंदर के जाली भी लगवाई गई है। इसी जाली पर ही कचरे के साथ कंकाल बरामद हुआ है। आजादी के बाद से ही कुएं का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। अस्पताल बनने के बाद पेयजल लाइन की व्यवस्था कर दी गई।