November 24, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Cg Big News | निलंबित ADG जीपी सिंह पर गिरफ्तारी की लटकी तलवार, इन पुराने केस की फिर खुली फ़ाइल

1 min read
Spread the love

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सस्पेंड ADG जीपी सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। बिलासपुर हाईकोर्ट में 10 नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी। रायपुर में दर्ज आय से अधिक संपत्ति व राजद्रोह और भिलाई में कारोबारी से वसूली मामले एक साथ सुने जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट IPS सिंह की गिरफ्तारी पर 6 दिन पहले ही रोक हटा दी है। राहत देने से इनकार करते हुए सख्त टिप्पणी की थी। साथ ही सुनवाई के लिए हाईकोर्ट को 8 सप्ताह का समय दिया था।

भिलाई के स्मृति नगर चौकी में करीब दो माह एक पहले कारोबारी ने FIR दर्ज कराई गई थी। आरोप लगाया कि झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर निलंबित ADG जीपी सिंह ने 1 करोड़ रुपए मांगे थे। घबराकर उसने 20 लाख रुपए तक दे दिए थे। मामला साल 2015-16 का बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले में आईपीसी 388 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

कोर्ट ने राहत देते हुए पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में चल रही है। इसमें कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई है। इससे पहले उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह का केस रायपुर पुलिस ने दर्ज कर रखा है। जीपी सिंह ने इस मामले को भी लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी। इसके बाद जीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट गए थे।

इन पुराने केस की फाइल फिर से खुल चुकी है –

देवेंद्र नगर में रहने वाले दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के युवक ने 2013 में शिकायत की थी कि तब रायपुर के SP रहे ओपी पाल और DSP अर्चना झा ने उसके साथ मारपीट की थी। इस केस को बिना जांच के जीपी सिंह ने रफादफा कर दिया था। इस घटना की जांच स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा करेंगे।

2016 में जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे तो नक्सली लीडर पहाड़ सिंह ने सरेंडर किया था। ACB की छापेमारी में ये पता चला कि पहाड़ सिंह से करोड़ों रुपयों का हिसाब-किताब मिला था। चर्चा है कि पहाड़ सिंह के पास मिले रुपयों को कुछ कारोबारियों के पास रखा गया था जीपी सिंह ने उन कारोबारियों से रुपए लेकर उन्हें डराया था। इस मामले में छानबीन मौजूदा दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल की भी एक शिकायत है। उनके मुताबिक कुछ आपराधिक मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की कोशिश जीपी सिंह ने की थी। रायपुर रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा इस केस की तहकीकात करेंगे।

एक नजर में जीपी सिंह पर हुई पूरी कार्रवाई और छापे में मिली संपत्ति –

1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा।

जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।

रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है, इन पुराने केस को फिर से जांचा जा रहा है।

इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *