Naxalites Issued Pamphlets | Naxalites ready to lay down arms and negotiate, ask the government for one month
सुकमा/रायपुर। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी पर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पर्चे में नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से अपील की है कि संगठन शांति वार्ता के लिए हथियार डालने के इच्छुक हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें संगठन के सदस्यों और जेल में बंद साथियों से चर्चा करने हेतु एक महीने का समय चाहिए।
नक्सली प्रवक्ता अभय के अनुसार, तब तक वे सरकार से सीज़ फायर (युद्धविराम) की अपील कर रहे हैं। हालांकि पर्चे की समयसीमा और शर्तों के बावजूद बीजापुर-सुकमा और दंतेवाड़ा में हालिया हिंसक घटनाओं ने इस प्रस्ताव पर सवाल खड़ा कर दिया है।
सीज़ फायर क्या है?
सीज़ फायर या युद्धविराम एक समझौता होता है, जिसमें दोनों पक्ष अस्थायी रूप से लड़ाई और सैन्य गतिविधियाँ रोक देते हैं। इसका उद्देश्य शांति वार्ता, मानवीय सहायता या स्थायी समझौता करना होता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि पत्र वास्तव में माओवादी नेतृत्व की ओर से आया है, तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि पत्र की सत्यता सिद्ध होती है तो सरकार वार्ता के लिए कदम बढ़ाने पर विचार करेगी।
माओवादियों ने पत्र में बताया कि मार्च 2025 से वे शांति वार्ता के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। 10 मई को पार्टी के महासचिव ने प्रेस बयान जारी कर हथियार डालने और सर्वोच्च नेतृत्व के साथ सलाह-मशविरा करने हेतु एक माह का समय मांगा था। लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी।
इसके बाद नक्सलियों ने युद्ध विराम और शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए यह पर्चा जारी किया। राज्य सरकार ने इसे जांच के लिए संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया है।
यह कदम नक्सल आंदोलन के भविष्य और छत्तीसगढ़ में शांति प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।


