Mint Public Policy Summit | नक्सलवाद को खत्म करने विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति पर किया काम : सीएम भूपेश बघेल
1 min readMint Public Policy Summit | Worked on the strategy of development, trust and security to end Naxalism: CM Bhupesh Baghel
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में मिंट पब्लिक पॉलिसी समिट में शामिल हो कर विभिन्न पहलुओं पर अपनी बातें रखीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की योजनाओं, नीतियों के साथ ही अपने दृष्टिकोण और विचारों को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के बाद हमने एक ऐसे छत्तीसगढ़ का निर्माण का वादा किया था, जिसमें हाशिये पर खड़े लोगों के साथ न्याय होगा। राहुल गांधी ने न्यूनतम आय योजना की संकल्पना देश के सामने रखी थी। हमने उनकी इस योजना में न्यूनतम आय के साथ-साथ न्यूनतम आवश्यकताओं को भी शामिल कर लिया।
बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ के नवाचार देश में उदाहरण बने हैं। किसानों को सही कीमत मिल सके इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान सहायता की व्यवस्था की है। आज छत्तीसगढ़ के किसानों को उनकी उपज की देश में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत किसानों से गोबर और गोमूत्र की खरीदी करके उनसे खाद और कीटनाशक बना रहे हैं। गांव-गांव में गौठानों का निर्माण कर उन्हें ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है। इनमें दाल मिल, तेल मिल, मिनी राइस मिल जैसी छोटी-छोटी प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। गौठानों में ही गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ हमने गोबर से बिजली का उत्पादन करने की शुरुआत की है। इसके अलावा गोबर से ही प्राकृतिक पेंट और गुलाल का निर्माण भी हम कर रहे हैं।
बघेल ने कहा हम अपने ग्रामीणों को केवल उपभोक्ता बनाकर नहीं रखना चाहते, बल्कि हम उन्हें उत्पादक भी बना रहे हैं। आज हमारे गांव उत्पादन केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं तो शहरों में उन उत्पादों की बिक्री हो रही है। इसके लिए सी मार्ट की स्थापना की गयी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर में बदलाव पर बात करते हुए कहा कि हमने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए राज्य में विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति पर काम किया है। अपनी प्राथमिकताएं तय कर आय, रोजगार और जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए नीतियां बनाई। इन नीतियों के आधार पर योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए। उन्होंने बताया आज छत्तीसगढ़ में 65 तरह के लघु वनोपजों की खरीदी होती है। लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है। इन लघु वनोपजों का स्थानीय स्तर पर ही वैल्यू एडीशन करके हम आदिवासियों के लिए रोजगार के अवसरों का निर्माण भी कर रहे हैं।
मिलेट्स के संग्रहण, उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने लिए राज्य में मिलेट मिशन की शुरूआत की। कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित किया। स्थानीय स्तर पर ही इसकी प्रोसेसिंग करके इसे देश और दुनिया के बाजारों में बेचा जा रहा है। इससे आदिवासी किसानों की आय में इजाफा हुआ है। कांकेर जिले में मिलेट्स प्रोसेसिंग के लिए देश की सबसे बड़ी यूनिट की शुरूआत की है।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया सुकमा में महुआ लड्डू तैयार हो रहा है, जिसकी मांग ब्रिटेन तक है। कोंडागांव के तिखुर शेक की मांग दुबई से आ रही है। सुकमा में ईमली कैंडी तैयार हो रही है। नारायणपुर में फूलझाड़ू तैयार करके महानगरों में भेजा जा रहा है। दंतेवाड़ा में डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी लग चुकी है। जिस बस्तर को पहले नक्सलवाद के नाम पर जाना जाता था, आज वहां के उत्पाद वहां की पहचान बन रही हैं। उन्होंने कहा आज छत्तीसगढ़ में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है। गांवों में सुविधाएं बुनियादी विकसित की गयी है। स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक योजना, श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आत्मानन्द स्कूल खोले गए हैं।