Cg Breaking | बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर किया जाएगा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
1 min readRationalization of teachers will be done on the basis of recorded number of children
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में जनजाति क्षेत्रों के जर्जर छात्रावास-आश्रम तथा स्कूलों के भवन की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो साल बाद स्कूल, छात्रावास और आश्रम प्रारंभ हुए हैं, जहां मरम्मत की आवश्यकता है, वहां मरम्मत का कार्य तत्परता से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जनजाति क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह उन्होंने स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश दिए।
जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नेे कहा कि जनजाति क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) के कैम्प आयोजित कर वहां जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही दिक्कतों का अध्ययन कर इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम-1996 (पेसा एक्ट) के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुसमर्थन किया गया। इसी तरह अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल का प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर बैठक में अनुमोदित किए गए राज्यपाल को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक, आर्थिक प्रोत्साहन हेतु संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन, विभिन्न विकास विभागों द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में क्रियान्वित प्रमुख योजनाओं का विवरण, प्रदेश के विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की जनसांख्यिकीय जानकारी, प्रशासकीय इकाई एवं विकास कार्यो की स्थिति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन का उल्लेख है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनजाति सलाहकार परिषद की पूर्व में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में नारायणपुर जिले के 19 ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा दो ग्रामों के सर्वे का कार्य प्रक्रियाधीन है। बैठक में यह भी बताया गया कि मार्च 2022 तक 4 लाख 46 हजार 41 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 45 हजार 764 सामुदायिक वन अधिकार, 3 हजार 516 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण कर दिया गया है। इस तरह कुल 4 लाख 95 हजार 455 वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के अनुरूप विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के 9623 शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति देने के संबंध में जिलेवार सूची सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है।
बैठक में आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, जनजातीय सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष रामपुकार सिंह, लोकसभा सांसद दीपक बैज, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी,संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी सहित परिषद के सदस्यगण विधायक लक्ष्मी ध्रुव, मोहन मरकाम, चक्रधर सिंह, इंद्रशाह मंडावी, मोहित राम, गुलाब कमरो और पूर्व विधायक बोधराम कंवर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ,आदिम जाति विकास एवं कल्याण विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ.एस.भारतीदासन, आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग शम्मी आबिदी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधायक विनय भगत, लखेश्वर बघेल, वृहस्पति सिंह, चिंतामणी महाराज, देवती कर्मा, बृहस्पत सिंह, अनूप नाग बैठक में शामिल हुए।