November 26, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Omicron | खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा से भी 70 गुना तेजी से फैलता है संक्रमण, नई स्टडी में खुलासा

1 min read
Spread the love

 

नई दिल्ली। शोधकर्ता कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बारे में दिन-रात एक कर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। स्टडी के जरिए इस वैरिएंट के बारे में नई-नई बातें निकल कर सामने आ रही हैं। अब इस वैरिएंट पर हांगकांग यूनिवर्सिटी की एक नई स्टडी आई है। इस स्टडी के निष्कर्ष ओमिक्रॉन को लेकर चिंता बढ़ाने वाले हैं।

हालांकि, एक राहत की बात ये है कि इस नए वैरिएंट से लोग बहुत गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स से मिले डेटा पर की गई इस स्टडी के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा और मूल Covid-19 स्ट्रेन की तुलना में लगभग 70 गुना तेजी से संक्रमित करता है, हालांकि, बीमारी की गंभीरता बहुत कम होने की संभावना है।

क्या कहती है स्टडी- 

स्टडी में पाया गया कि संक्रमण के 24 घंटे बाद ओमिक्रॉन श्वसन तंत्र में बहुत तेज गति से फैलता है। शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि अपने मूल रूप की तुलना में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन फेफड़ों के ऊतकों में 10 गुना कम प्रतिकृति बनाता है, जो संकेत देता है कि ये ‘कम गंभीर’ है। स्टडी के अनुसार, ओमिक्रॉन एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है लेकिन फेफड़ों के ऊतकों को उतना नुकसान नहीं पहुंचाता है जितना कि इसके पहले के वैरिएंट्स ने किया था। स्टडी के प्रमुख लेखक चान ने कहा, ‘हालांकि कई लोगों को संक्रमित करके, एक बहुत ही संक्रामक वायरस अधिक गंभीर बीमारी और मौत का कारण बन सकता है, भले ही वायरस खुद में कम रोगजनक हो।’ ओमिक्रॉन वैक्सीन और पिछले इंफेक्शन से मिली इम्यूनिटी से भी बच सकता है। इसलिए इसके खतरनाक होने की भी संभावना हो सकती है।’

वैज्ञानिक अभी भी इसकी संक्रामकता की दर पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। दक्षिणी अफ्रीका में पहली बार पाए जाने के तीन सप्ताह के भीतर ही ये वैरिएंट कम से कम 77 देशों में फैल चुका है। ओमिक्रॉन के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का भी कहना है कि अब तक के अधिकांश संक्रमण हल्के हैं और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। कई शोधकर्ता इस बात की भी संभावना जता रहे हैं कि ज्यादा म्यूटेट होने वाले वैरिएंट्स अन्य स्ट्रेन को भी जन्म दे सकते हैं। इसकी वजह से महामारी धीरे-धीरे कमजोर होकर सीमित रह जाएगी और दुनिया इसके साथ रहना सीख जाएगी।

सावधानी है जरूरी- 

ओमिक्रॉन के शुरुआती डेटा से पता चलता है कि ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन या ICU में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। कुछ लोगों में री-इंफेक्शन के मामले भी पाए जा रहे हैं जो कि ज्यादा गंभीर नहीं हैं। हालांकि कई हेल्थ एक्सपर्ट्स और WHO ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और भीड़ वाली जगहों से दूर रहने, सही तरीके से मास्क लगाने और सफाई का पूरा ख्याल रखने को कह रह हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *