June 27, 2025

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Chhattisgarh | पद्मश्री हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का दोपहर बाद होगा अंतिम संस्कार, डॉ. कुमार विश्वास कई दिग्गज होंगे शामिल

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Chhattisgarh | The last rites of Padma Shri humorous poet Dr. Surendra Dubey will be held in the afternoon, Dr. Kumar Vishwas and many other eminent personalities will be present

रायपुर। छत्तीसगढ़ की माटी से उपजा हास्य और व्यंग्य का वो सितारा, जिसने छत्तीसगढ़ी भाषा को देश-विदेश में कविताओं के माध्यम से नई पहचान दिलाई – पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे अब हमारे बीच नहीं रहे। गुरुवार शाम 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। हंसी के मंच को गमगीन कर देने वाली यह खबर मिलते ही साहित्य जगत, कवि समाज और कला प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई।

श्री दुबे को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह को रायपुर स्थित अशोका रत्न निवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।

डॉ. कुमार विश्वास देंगे अंतिम विदाई

डॉ. सुरेंद्र दुबे को श्रद्धांजलि देने देशभर से कवि व साहित्यकार रायपुर पहुंच रहे हैं। लोकप्रिय कवि डॉ. कुमार विश्वास शुक्रवार सुबह 10 बजे उनके निवास पहुंचेंगे और अंतिम दर्शन करेंगे।

अंतिम संस्कार दोपहर बाद मुक्तिधाम में

परिजनों और प्रशासन के मुताबिक, अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर रायपुर के मुक्तिधाम में किया जाएगा। इस दौरान साहित्य, पत्रकारिता और कला क्षेत्र की कई हस्तियां मौजूद रहेंगी।

हास्य के मंच के युगपुरुष

डॉ. सुरेंद्र दुबे केवल एक कवि नहीं थे, वे हास्य और व्यंग्य को जन-जन तक पहुंचाने वाले मिशनरी कवि थे। पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक रहे श्री दुबे ने मंचीय कविताओं, टेलीविजन शो और पुस्तकों के माध्यम से आम जनता से सीधा संवाद स्थापित किया।

उनका जन्म 8 जनवरी 1953 को बेमेतरा (छत्तीसगढ़) में हुआ। वे 2010 में पद्मश्री से सम्मानित हुए। इससे पहले उन्हें 2008 में हस्यरत्न पुरस्कार भी मिला था। उन्होंने पांच किताबें लिखीं और भारत के लगभग सभी प्रमुख काव्य मंचों पर प्रस्तुति दी।

भाजपा से अंतिम साँस तक का नाता

डॉ. दुबे एक सामाजिक विचारक और राजनैतिक रूप से सक्रिय व्यक्तित्व भी रहे। उन्होंने वर्ष 2017 में भाजपा की सदस्यता ली थी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उनके एक वीडियो में वे कहते दिखते हैं – “मुझको भाजपा से कुछ नहीं चाहिए, पर मुझको अंतिम साँस तक भाजपा चाहिए!”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया। मुख्यमंत्री खुद उनके निवास पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

 

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