आर्थिक गतिविधियां कैसे शुरू हों, PM मोदी ने राज्यों से 15 मई तक मांगे सुझाव
1 min readआर्थिक गतिविधियां कैसे शुरू हों, PM मोदी ने राज्यों से 15 मई तक मांगे सुझाव
आर्थिक गतिविधियां कैसे शुरू हों, PM मोदी ने राज्यों से 15 मई तक मांगे सुझाव
पीएम मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि कोरोना के बाद एक नई जीवनशैली विकसित होगी. देश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं उसको भी नए नजरिए ये देखना होगा. टेक्नॉलॉजी को ध्यान में रखकर शिक्षा के नए मॉड्यूल विकसित करने होगें.
आर्थिक गतिविधियां कैसे शुरू हों, PM मोदी ने राज्यों से 15 मई तक मांगे सुझावपीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मांगे हैं सुझाव
पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से की बातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया एक नया नारा, ‘जन से जग तक’
लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. पीएम ने सभी मुख्यमंत्रियों से 17 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति को लेकर फीडबैक लिया. कई घंटों लंबी चली उस बैठक के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी बातें रखीं.
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि हम आपके लोगों के उत्साह के कारण यह लड़ाई जीतेंगे. जो लोग पूरी बात नहीं रख सके, वे 15 मई तक अपने सुझाव भेजें. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे और अधिक आर्थिक गतिविधियां चल सकती हैं.
पीएम मोदी ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि कोरोना के बाद एक नई जीवनशैली विकसित होगी. देश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं उसको भी नए नजरिए से देखना होगा. टेक्नॉलॉजी को ध्यान में रखकर शिक्षा के नए मॉड्यूल विकसित करने होंगे.
अपनी समापन टिप्पणी में पीएम मोदी ने कहा कि जन सेवा के प्रयासों को संबोधित करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने नया नारा भी दिया. उनका नया नारा है ‘जन से जग तक’. इस नए नारे के पीछे पीएम का तर्क था कि जैसे प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया बदल गईं उसी तरह कोरोना के बाद भी चीजें बदल जाएंगी.
जानकारी के मुताबिक पीएमओ सोच रहा है कि अब राज्यों को भी लॉकडाउन के नियमों से निपटने का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि जिन नियमों को वे लागू करना चाहते हैं उन्हें लगा सकें. पीएमओ के मुताबिक राज्यों को लॉकडाउन को आसान बनाने के लिए रणनीति पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि वे पीएम से शिकायत कर रहे हैं कि अगर लंबे समय तक यह जारी रहा तो उनकी अर्थव्यवस्थाएं दिवालिया हो जाएंगी.