November 23, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh | सस्ता चारा और नस्ल संवर्धन के साथ गोधन न्याय जैसी योजनाओं से पशुधन समृद्ध होगा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

1 min read
Spread the love

Chhattisgarh | Schemes like Godhan Nyay along with cheap fodder and breed promotion will enrich livestock: Chief Minister Bhupesh Baghel

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के अंजोरा में आयोजित दाऊ वासुदेव चंद्राकर की प्रतिमा अनावरण एवं दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पशुओं के लिए सस्ता चारा उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किये गये तकनीकी प्रयासों की प्रशंसा की। विश्वविद्यालय ने पैरा आधारित संपूर्ण आहार पैलेट का विकास किया है। यह पशुओं के लिए सुपोषित व सस्ता चारा होगा, इसके माध्यम से चारे की कीमतों में 35 प्रतिशत तक कमी आयेगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में सस्ते और पोषक चारे की कमी तथा यहां का गर्मी से भरा वातावरण जिसकी वजह से उच्च नस्ल के मवेशी यहां अनुकूलित नहीं हो पाते। इसी वजह से हमने नस्ल संवर्धन का काम आरंभ किया है। साथ ही पशुधन के विकास के लिए गोधन न्याय योजना की भी शुरूआत किया है, ताकि पशुपालन पुनः लाभ का सौदा साबित हो सके। सस्ते चारे के लिए विश्वविद्यालय पैलेट जैसे प्रयोग कर रहा है। हम रीपा के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को बढ़ावा दे रहे हैं। हर रीपा में ऐसे यूनिट बनाए जाएंगे जिसमें पशुआहार बनाने की यूनिट भी हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी छत्तीसगढ़ में पशुधन को लेकर अपार संभावनाएं हैं। स्थानीय स्तर पर डेयरी उद्यम को बढ़ावा देने से हमारे यहां माँग और पूर्ति की स्थिति तेजी से बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए ही हमारा फोकस गोबर खरीदी पर रहा ताकि जैविक खेती की जा सके, गोबर पेंट बनाया जा सके और पशुधन के माध्यम से आर्थिक समृद्धि आये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वर्गीय दाऊ वासुदेव चंद्राकर के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में उनका कार्य मील का पत्थर रहा। डेयरी को उन्होंने आजीविका के साधन के रूप में अपनाया। उच्च नस्ल के मवेशियों का पालन किया। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में उनके द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के साथ मिलकर अंजोरा में एक बड़े कृषि मेले का आयोजन किया गया और यहां से ही कृषि और पशुपालन में नई वैज्ञानिक संभावनाओं के बारे में लोगों को जानकारी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि हमारी कोसली प्रजाति की गायें दूध कम देती हैं लेकिन उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है। इनकी लगातार नस्ल वृद्धि करने से राज्य में पशुधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम होगा।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एनपी दक्षिणकर ने मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पशुआहार पैलेट्स बनाने के अलावा विश्वविद्यालय द्वारा बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर भी आरंभ किया गया है। इसके माध्यम से पशुपालक किसानों के लिए सस्ते दाम में चारा उपलब्ध होगा।

इस अवसर पर गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग विधायक अरुण वोरा, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक प्रदीप चौबे, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी यादव, लक्ष्मण चंद्राकर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. आरके सोनवाने एवं निदेशकगण, अधिष्ठाता, प्राध्यापक, वैज्ञानिकगण एवं अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *