Cg Big News | मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल, अब ले-आउट पास कराने में नहीं होगी कोई दिक्कत, नगर निगमों को मिला अधिकार
1 min readImplementation of Chief Minister’s announcement, now there will be no problem in passing the layout, municipal corporations got the right
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शहरों में लोगों को ले-आउट पास कराने में आ रही दिक्कत को सुलझाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब ले-आउट पास कराने के अधिकार नगर निगमों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नगर निगमों को ले-आउट के अधिकार देने की घोषणा की थी, जिस पर आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा त्वरित अमल करते हुए नगर निगमों को ले-आउट पास कराने का अधिकार देने के संबंध में आज अधिसूचना जारी की गई है।
बता दें पहले पहले ले-आउट पास कराने के लिए नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदन लेना पड़ता था। इस नये फैसले से लोगों को एक ही छत की नीचे ले-आउट अनुमोदन की सुविधा मिलेगी। जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के 9 जिलों के 12 नगर पालिका निगमों रायपुर, बीरगांव, दुर्ग, भिलाई, चरौदा, रिसाली, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर, बिलासपुर, कोरबा और धमतरी के आयुक्तों को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा उनकी सीमा के अंतर्गत शर्तो के साथ ले-आउट पास करने के अधिकार प्रत्यायोजित किया गया है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ले-आउट के अनुमोदन का कार्य तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ मास्टर प्लान के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण अंग होगा। प्रत्यायोजित धाराओं का उपयोग छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश के प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के लिए निर्धारित शैक्षणिक अर्हता को धारण करने वाले अधिकारियों को ही प्रत्योजित अधिकार के अंतर्गत कार्य सम्पादन का दायित्व सौंपा जा सकेगा। संबंधित नगर निगमों को ले-आउट अनुमोदन के लिए अनिवार्य रूप से टाउन प्लानर की नियुक्ति करनी होगी। इसी प्रकार विकास अनुज्ञा के अनुमोदन के एक माह के भीतर समस्त ले-आउट संबंधित जिले के नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों से कार्योत्तर स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृत की जाने वाली विकास अनुज्ञाओं को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के वेबसाईट में अपलोड करने के साथ-साथ स्वीकृत अनुज्ञाओं की प्रति नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में जमा कराना होगा।
स्वीकृत अनुज्ञाओं के भौतिक परीक्षण एवं पुनर्विलोकन का अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के पास होगा। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत राजस्व, शुल्क, शास्ती राशि अधिनियम में उल्लेखित मद के अंतर्गत जमा कराना होगा। छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम छत्तीसगढ़ भूमि विकास अधिनियम, छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश नियम एवं विकास योजना के मापदण्डों के उल्लंघन या अतिक्रमण के लिए संबंधित नगर पालिक निगम जिम्मेदार होंगे।