Amarnath Yatra 2022 | गंभीर खतरों के बीच आयोजित की जा रही है अमरनाथ यात्रा, मीडिया के लिए जरूरी नियम
1 min readAmarnath Yatra is being organized amidst serious threats, important rules for media
नई दिल्ली। देश में कोविड महामारी के कारण दो सालों से ठप पड़ी अमरनाथ यात्रा इस हफ्ते 30 जून से शुरू हो रही है. इस बार की यात्रा के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं तो वहीं कुछ नियमों में बदलाव भी किया है. इन नए नियमों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बेस कैंप से यात्रा के लिए प्रशासन ने मीडिया कवरेज की इजाजत नहीं होगी. वहीं ये भी पहली बार हो रहा है कि जीपीएस सक्षम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग (RFID) के माध्यम से यात्रियों की पूरे ट्रैक पर निगरानी की जाएगी.
श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष और लेफ्टिनेंट गवर्नर के मुख्य सचिव नीतेश्वर कुमार ने कहा कि दो मीडिया नियंत्रण कक्ष बालटाल और नुनवन आधार शिविरों पर 24 घंटे काम करेंगे ताकी मीडिया को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान की जा सके. हालांकि किसी भी मीडिया हाउस को आधार शिविर से पवित्र गुफा तक के रास्ते पर जाने की इजाजत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पहलगाम और सोनमर्ग दोनों में नियमित रूप से गाइडेड टूर और मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की जाएंगी. इसके अलावा श्रीनगर में एक पूर्ण मीडिया सेंटर स्थापित किया जाएगा जिसमें मीडिया की सहायता के लिए उनको वाईफाई और कंप्युटर दिए जाएंगे.
मीडिया को नहीं होगी बिना अनुमति कवरेज की इजाजत –
नितेश्वर कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सूचना विभाग की मदद से श्राइन बोर्ड टीवी और प्रिंट मीडिया हाउसेस को सभी जरूरी सूचनाएं प्रदान करेगा और संभव होने पर पवित्र गुफा तक मीडिया को ले जाने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी मीडिया हाउसेस का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा लेकिन गुफा के रास्ते में अलग से कवरेज के लिए प्रशासनिक अनुमति नहीं दी जाएगी. जम्मू-कश्मीर के सुचना प्रसारण मंत्रालय के अनुसार किसी भी मीडियाकर्मी को आधार शिविर तक यात्रा करने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है लेकिन आधार शिविर और उससे आगे तक जाने के लिए सरकारी अनुमति की जरूरत होगी.
गंभीर खतरों के बीच आयोजित की जा रही है अमरनाथ यात्रा –
इसके अलावा अगर यात्रा के मद्देनजर प्रशासनिक तैयारियों की बात करें तो इस साल यह यात्रा गंभीर आतंकी खतरों के बीच आयोजित की जा रही है . हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व उपाय किए हैं. एसएसबी इस साल 6-8 लाख यात्रियों की उम्मीद कर रहा है और इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जमीनी स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं. बालटाल के शिविर निदेशक ने कहा कि हमने पहले ही बालटाल में 1000 से अधिक टेंट स्थापित कर दिए हैं और यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 500 और टेंट लगाए जा रहे हैं. यह पहलगाम और बालटाल दोनों जगहों पर निजी कैंपिंग एजेंसियों द्वारा लगाए जा रहे टेंट के अतिरिक्त है.
हेलीकॉप्टर सेवाओं का किया जा रहा है विस्तार –
इस साल श्रीनगर से पवित्र गुफा तक हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया गया है. वहीं नीलग्रेट (सोनमार्ग) और पहलगाम दोनों से हेली सेवाएं हमेशा की तरह जारी रहेंगी. अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ ने कहा कि पिछले सालों के दौरान ओवर चार्जिंग की कई शिकायतों के कारण हेलीकॉप्टर टिकटिंग को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है.
दिल्ली से आने वाले यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा –
इस बार दिल्ली से आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन दर्शन और प्रस्थान करने की सुविधा मिलेगी. श्रीनगर हवाईअड्डे ने रात के 11:50 बजे हवाई परिचालन बढ़ा दिया है. श्रीनगर-बालटाल-गुफा (वापसी) के लिए टिकट की कीमत 29 हजार पर लॉक कर दी गई है जबकि श्रीनगर-पहलगाम-गुफा के लिए इसकी कीमत 30 हजार रुपये होगी. चॉपर टिकट बुक करने के लिए श्रद्धालु श्राइन बोर्ड की वेबसाइट (http://www.shriamarnathjishrine.com) पर लॉग इन कर सकते हैं.
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को दी जाएगी प्राथमिकता –
जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता पर रखा है. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), स्वास्थ्य विभाग, सुरक्षा बलों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा यात्रियों को समन्वित स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराई जाती है. कश्मीर स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ मुश्ताक ने कहा कि लगभग 100 एंबुलेंस के अलावा 70 जगहों पर यात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसमें 6 बेस अस्पताल, चिकित्सा सहायता केंद्र, आपातकालीन सहायता केंद्र और 26 ऑक्सीजन बूथ रीड-मोड में रखे गए हैं. इसके अलावा चंदनवाड़ी और बालटाल में 70 बिस्तरों वाले 2 डेडीकेटेड अस्पताल बनाए गये हैं.
सेना के हाथ में है सुरक्षा –
पूरे मार्ग की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और बीएसएफ के 35 हजार से अधिक अतिरिक्त केंद्रीय बलों को शामिल किया गया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि सेना पूरे यात्रा ट्रैक पर सीधे सुरक्षा प्रदान करेगी. सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल हमने एक बड़े आतंकी खतरे के कारण यात्रा के लिए एक अभूतपूर्व सुरक्षा ग्रिड तैयार किया है.
इस साल यात्रा में शामिल सैनिकों की संख्या पहले की तुलना में लगभग 3-4 गुना अधिक है. इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है और 13 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी. 43 दिनों की यात्रा के लिए अब तक 3 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है.