हमारी सरकार ने संस्कृति को सहेजने का कार्य किया है: डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
राजिम में आदिवासी सम्मेलन

आदिमजाति, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राजिम माघी पुन्नी मेला के 11वें दिन आज राजिम में विशाल आदिवासी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में आने के लिए शिक्षा को अपनाना होगा। शिक्षा के बगैर कोई भी समाज विकास नहीं कर सकता।भूपेश बघेल की अगुवाई में हमारी सरकार स्थानीय संस्कृति और रीति-रिवाजों को सहेजने का काम कर रही है। समाज में जो कमियां है उसे शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने आदिवासियों को सामूहिक वनाधिकार पत्र के लिए मांग करने का सुझाव दिया।

डॉ. टेकाम ने कहा कि हमारी सरकार ने आदिवासियों के हित के लिए समर्थन मूल्य पर 8 लघु वनोपजों की खरीद को बढ़ाकर 22 कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शराबबंदी की ओर सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। शराबबंदी के लिए समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने जनप्रतिनिधि भी भागीदारी निभायेंगे।

सम्मेलन की शुरूआत शहीद वीरनारायण सिंह के छायाचित्र में पुष्प अर्पित की गई। इस मौके पर राज्य गीत अरपा पैर के धार का गायन भी किया गया। सम्मेलन में अतिथियों द्वारा अंर्तजातीय विवाह प्रोत्साहन योजनार्गत 4 जोड़ों को ढाई-ढाई लाख रूपए का चेक, 5 किसानों को सब्जी मिनी कीट और बाड़ी विकास योजनांर्गत 2 किसानों को  मिनी कीट का वितरण किया गया। इस अवसर पर मंत्री डॉ. टेकाम ने विभागीय प्रदर्शिनी का अवलोकन कर जानकारी ली।