Chhattisgarh | पहले घरेलू उपयोग के लिए लगाते थे सब्जियां, आज जिले के गौठानों में बड़े स्तर पर हो रहा उत्पादन
1 min readChhattisgarh | Earlier, vegetables were used for domestic use, today production is being done on a large scale in the Gothans of the district.
बाड़ी विकास योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती, खुल गए नए आय के रास्ता
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुराजी ग्राम योजना ग्रामीण अंचलों में निवास करने वालों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई है। नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजनांतर्गत बाड़ी विकास योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। जिससे ग्रामीण परिवारों को आय का आसान रास्ता मिला है, कोरिया जिले में भी ऐसे कई परिवार हैं जो अपनी सफलता की कहानी स्वयं बयां करते हैं। जिले के विकासखण्ड सोनहत के कुशहा गौठान में बाड़ी विकास योजना के तहत लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गौठान में मक्का,टमाटर लगाया है। समूह की सदस्य अनिता बताती हैं कि पिछले सीजन में उन्होंने मात्र एक हजार की लागत लगाकर टमाटर उगाया था, जिससे उन्हें 7 हजार तक का मुनाफा हुआ। उन्होंने बताया कि पहले वे घर पर ही घरेलू आवश्यकतानुसार सब्जियां लगाती थीं, परन्तु आज समूह के साथ जुड़कर गौठान में बड़े स्तर पर बाड़ी का कार्य करने से उन्हें रोजगार का अवसर मिल गया है।
इसी प्रकार विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के मझगंवा गौठान की प्रगति महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं बाड़ी का कार्य कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ कर रहीं हैं। समूह की अध्यक्ष शमशुन निशा बताती हैं कि समूह के गठन के साथ ही वे गौठान में विभिन्न गतिविधियों से जुड़कर कार्य कर रहीं हैं। समूह की सचिव अंजुलता ने बताया कि लगभग 10 महीनों से हम बाड़ी विकास का कार्य कर रहें हैं। वर्तमान में यहां बैगन, मिर्च,टमाटर के साथ-साथ एलोवेरा तथा लेमनग्रास भी लगा है। जिसका विक्रय कर महिलाओं ने कुल 70 हजार रुपए की आय की है और लगातार मुनाफा बढ़ रहा है। स्थानीय बाज़ारों में ही सब्जियों की खपत हो जाती है। महिलाएं कहती हैं कि जब से हम यह कार्य कर रहीं हैं अच्छी आमदनी से आर्थिक रूप से सशक्त होकर घर-परिवार की ज़रूरतों को पूरा कर पा रहीं हैं। उन्होंने ऐसी फायदेमंद योजना शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है।