Arrest of Sonam Wangchuk | Sonam Wangchuk’s arrest challenged in Supreme Court
नई दिल्ली। पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उनकी पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती दी है। याचिका में उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को पक्षकार बनाया है।
गीतांजलि का आरोप है कि खुफिया ब्यूरो ने एफसीआरए (FCRA) को उनके पति को दबाव में लेने और ब्लैकमेलिंग के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि सोनम पर हिंसा भड़काने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से बेबुनियाद है।
राष्ट्रपति को भी लिखा पत्र
डॉ. गीतांजलि ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी चिट्ठी लिखी थी। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक को गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया और उन्हें ठीक से कपड़े पहनने तक की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पता नहीं वांगचुक को जेल में नए कपड़े और दवाइयां दी गई हैं या नहीं।
हिंसा को रोकने के लिए खत्म किया उपवास
गीतांजलि ने कहा कि सोनम ने हिंसा भड़काने के बजाय, हिंसा को रोकने के लिए ही अपना उपवास समाप्त किया और झड़पों की निंदा की थी। यहां तक कि मृतकों के परिवारों ने भी कहा कि यह वांगचुक की गलती नहीं थी।
चार साल से साजिश का आरोप
सोनम की पत्नी ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल से उनके पति के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया – “क्या जलवायु परिवर्तन, पिघलते ग्लेशियर, शिक्षा सुधार और इनोवेशन की बात करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है?”
लद्दाख हिंसा से जुड़ा मामला
गौरतलब है कि लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक को लेह में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें जोधपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है।
