Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में आंधी-बारिश से लाखों का नुकसान

Chhattisgarh | Storm and rain cause loss of lakhs in Chhattisgarh
धमधा/दुर्ग, 3 मई 2025। छत्तीसगढ़ में शुक्रवार शाम आई तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। दुर्ग जिले के धमधा क्षेत्र में केला, आम, पपीता और चीकू की फसलें बर्बाद हो गईं। खासकर फल उगाने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। क्षेत्र के धौराभाठा गांव में स्थित जेएस फर्म के 500 एकड़ के ऑर्गेनिक फार्म में फलों की तैयार फसल जमींदोज हो गई।
70-80 लाख रुपये का नुकसान
जेएस फर्म के संचालक राजेश पुनिया ने बताया कि “तेज आंधी और बारिश से केले के पेड़ उखड़ गए, आम और पपीते जैसे फल जमीन पर बिछ गए। लगभग 70 से 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।”
छोटे किसानों की भी तबाही
सिर्फ बड़े फार्म ही नहीं, क्षेत्र के छोटे कृषि फार्म संचालकों को भी नुकसान उठाना पड़ा। उनका कहना है – “फल की फसल से ही घर चलता था। अब कर्मचारियों का वेतन तक निकालना मुश्किल हो जाएगा। सरकार से मदद की जरूरत है।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार शाम को 70 किमी/घंटे की रफ्तार से आंधी चली, साथ में बारिश भी हुई। इससे पेड़ गिर गए और फसलें तहस-नहस हो गईं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से अगले 3 दिन यानी 6 मई तक भी 50-60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, गरज-चमक और ओलावृष्टि भी संभव है।
सर्वे और बीमा की स्थिति
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी प्रमोद धनेंद्र ने बताया “जिन किसानों ने पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत एडऑन बीमा लिया है, उन्हें नुकसान के 72 घंटे के अंदर सूचना देनी होती है। सर्वे किया जा रहा है।” वहीं, जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया, उनके लिए सरकार अन्य योजना के तहत कुछ हद तक मुआवजा देगी। सर्वे रिपोर्ट भेजने के बाद ही मदद मिलेगी।
धमधा – फल और सब्जियों का प्रमुख क्षेत्र
धमधा क्षेत्र को छत्तीसगढ़ का फलों और सब्जियों का हब माना जाता है, खासकर टमाटर की फसल के लिए यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। प्राकृतिक आपदा ने यहां की कृषि व्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है।