Special Story | स्वामी आत्मानंद स्कूल की नरगिस ने मुख्यमंत्री के भरोसे को रखा कायम..
1 min readSpecial Story | Nargis of Swami Atmanand School kept the Chief Minister’s trust.
सातवीं में पढ़ने वाली 12 साल की नरगिस ने 90.5 फीसदी अंकों के साथ दसवीं की परीक्षा पास कर रचा इतिहास
प्रदेश की पहली बेटी जिसने सबसे कम उम्र में हासिल की यह उपलब्धि
नरगिस के आग्रह पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दी थी विशेष अनुमति, बेटी के आत्मविश्वास से प्रभावित हुए थे मुख्यमंत्री
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 12 साल की नरगिस पर जो भरोसा किया उसे उसने कायम रखा है । बालोद के स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाली नरगिस खान के आग्रह पर उसे 10वीं की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी। संभवतः नरगिस प्रदेश की पहली बेटी है जिसने 12 वर्ष की कम उम्र में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर इतिहास रच दिया है। इतना ही नहीं नरगिस ने कक्षा सातवीं में भी 91 फीसदी अंक हासिल किये हैं और इसी साल सातवीं और दसवीं की परीक्षायें दी हैं । बालोद जिले की रहने वाली नरगिस के इस संकल्प को पूरा करने में अभिभावक के रूप में साथ खड़े मुख्यमंत्री का सर उसने गर्व से ऊंचा कर दिया। बुधवार को जारी हुये दसवीं के नतीजों में नरगिस ने 90.5% अंक प्राप्त किये हैं । रिजल्ट आने के बाद बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा के साथ नरगिस और अन्य मेधावी बच्चों ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्री भूपेश बघेल से मुलाकात की । इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बच्चों की उपलब्धि पर खुशी जताते हुये उज्जवल भविष्य की कामना की ।
दरअसल बालोद जिले के आमापारा स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली 12 वर्षीय नरगिस खान की कक्षा दसवीं की परीक्षा में शामिल होने की इच्छा थी। नरगिस ने अपने इस सपने को पूरा करने की चाह में प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया था।
ऐसे मिली अनुमति- नरगिस के आत्मविश्वास और क्षमता से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को उचित कार्रवाई हेतु निर्देशित किया । इसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नरगिस का मेडिकल बोर्ड के माध्यम से आईक्यू लेवल टेस्ट कराया, जिसके आधार पर कार्यपालिका एवं वित्त समिति की संयुक्त बैठक में नरगिस को स्वाध्याय परीक्षार्थी के रूप में 2023 की हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने की विशेष अनुमति दी गयी । नरगिस के संघर्ष का सुखद परिणाम यह हुआ कि मुख्यमंत्री के इस भरोसे पर वह खरी उतरी और उनका सर गर्व से ऊंचा कर दिया। उसे दसवीं की परीक्षा 90.50 % अंक मिले और उसकी उपलब्धि ने प्रदेश को गौरवान्वित किया।
मुख्यमंत्री से मिले मेधावी- नरगिस के साथ बालोद जिले के अन्य मेधावी बच्चों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की । बालोद जिले के शासकीय हायर सेकेंडरी, झलमला में पढ़ने वाली दिव्या साहू ने कक्षा 12वीं में पूरे प्रदेश में पांचवा स्थान प्राप्त किया है और उसे 96.4% अंक मिले हैं। इस उपलब्धि पर दिव्या ने कहा कि वह की अपने और अपनी मां के सपने पूरे करना चाहती हैं। दिव्या की मां एक मितानिन है और दिव्या की इस उपलब्धि पर उसे गर्व है। दिव्या की मां बताती है कि वह अपने बेटी को पढ़ाना चाहती और मुख्यमंत्री द्वारा मितानिनों के हित में जो निर्णय लिये गए है, इससे उनका मनोबल बढ़ा है। अब दिव्या की पढ़ाई भी आसानी से हो सकेगी।
बालोद जिले के ही कक्षा 12वीं के छात्र निशांत देशमुख ने 96.2 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त किया है। निशांत के पिता श्री धनाराम देशमुख उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में राज्यपाल के हाथों सम्मानित हो चुके है। एक शिक्षक के रूप में अपने बेटे की उपलब्धि पर श्री धनाराम बहुत गर्वित है और बताते है कि परिवार के साथ-साथ यह प्रदेश के लिए भी सम्मान है।