November 27, 2024

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Chhattisgarh | अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर छत्तीसगढ़ का सिरपुर ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता के कारण है आकर्षण का केंद्र

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Chhattisgarh | Chhattisgarh’s Sirpur is a center of attraction on the international tourism map due to its historical and archaeological importance.

रायपुर। सिरपुर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में महानदी के तट स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। इस स्थान का प्राचीन नाम श्रीपुर है यह एक विशाल नगर हुआ करता था तथा यह दक्षिण कोशल की राजधानी थी। सोमवंशी नरेशों ने यहाँ पर राम मंदिर और लक्ष्मण मंदिर का निर्माण करवाया था। ईंटों से बना हुआ प्राचीन लक्ष्मण मंदिर आज भी यहाँ का दर्शनीय स्थान है। उत्खनन में यहाँ पर प्राचीन बौद्ध मठ भी पाये गये हैं।
अंतराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर सिरपुर अपनी ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। यह पांचवी से आठवीं शताब्दी के मध्य दक्षिण कोसल की राजधानी थी। सिरपुर में सांस्कृतिक एंव वास्तुकौशल की कला का अनुपम संग्रह हैं। भारतीय इतिहास में सिरपुर अपने धार्मिक मान्यताओ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण आकर्षण का केन्द्र था और वर्तमान में भी ये देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

सिरपुर महोत्सव का आयोजन –

सिरपुर के एतिहासिक महत्व को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से प्रत्येक वर्ष यहां पर सिरपुर महोत्सव का आयोजन किया जाता है। छत्तीसगढ़ के विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल सिरपुर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का हर किसी को इंतजार रहता है। रविवार को खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का शुभारंभ करते हुए सभी प्रदेश वासियों को माघी पूर्णिमा सिरपुर महोत्सव की शुभकामनाएं दी हैं।

गंधेश्वर महादेव का मंदिर –

सिरपुर का एक अन्य मंदिर गंधेश्वर महादेव का है। यह महानदी के तट पर स्थित है। इसके दो स्तम्भों पर अभिलेख उत्कीर्ण हैं। कहा जाता है कि चिमणाजी भौंसले ने इस मन्दिर का जीर्णोद्वार करवाया था। सिरपुर से बौद्धकालीन अनेक मूर्तियाँ भी मिली हैं। जिनमें तारा की मूर्ति सर्वाधिक सुन्दर है। सिरपुर का तीवरदेव के राजिम-ताम्रपट्ट लेख में उल्लेख है। 14वीं शती के प्रारम्भ में, यह नगर वारंगल के ककातीय नरेशों के राज्य की सीमा पर स्थित था। 310 ई. में अलाउद्दीन ख़िलजी के सेनापति मलिक काफूर ने वारंगल की ओर कूच करते समय सिरपुर पर भी धावा किया था, जिसका वृत्तान्त अमीर खुसरो ने लिखा है।

आधुनिकता के दौर में बौद्ध विरासत, लोककला एवं संस्कृति का केंद्र –

सिरपुर महोत्सव आधुनिकता के दौर में भी अपनी प्राचीन संस्कृति और भव्यता को बनाये हुए है। युवा पीढ़ी को यहाँ की बौद्ध विरासत तथा लोककला एवं संस्कृति को जानने का अवसर मिलता है। सिरपुर लोगों की आस्था और श्रद्धा का केन्द्र है जिसे देखने और महसूस करने के लिए देश विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में हर तरफ विकास के काम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनायी है जिससे स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

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