End Of Bharat Jodo Yatra | समापन पर बोले राहुल गांधी, ऐसा लगता था ये यात्रा आसान होगी, शुरुवात में आया घमंड, फिर
1 min readEnd Of Bharat Jodo Yatra | Rahul Gandhi said at the end, it seemed that this journey would be easy, in the beginning pride came, then
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन के अवसर पर एक मेगा रैली का आयोजन किया है. पूरे कांग्रेस नेतृत्व के अलावा, विपक्षी दलों के कई नेता इसमें शामिल हुए हैं. द्रमुक, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, भाकपा, आरएसपी और आईयूएमएल के नेता ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन पर रखी गई रैली में शामिल हुए. श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बीच समापन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सालों से 8-10 किलोमीटर तक दौड़ता हूं, ऐसा लगता था ये यात्रा आसान होगी. यात्रा के दौरान पुरानी चोट उभरी. जो आसान लगता था वो मुश्किल हो गया.
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बहुत कुछ सीखा, एक दिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैंने सोचा कि मुझे 6-7 घंटे और चलना होगा और यह मुश्किल होगा. लेकिन एक युवती दौड़ती हुई मेरे पास आई और बोली कि उसने मेरे लिए कुछ लिखा है. उसने मुझे गले लगाया और भाग गई.उसने लिखा, “मैं देख सकती हूं कि आपके घुटने में दर्द हो रही है क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव डालते हैं, तो यह आपके चेहरे पर दिखता है. मैं आपके साथ नहीं चल सकती लेकिन मैं दिल से आपके साथ चल रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि आप चल रहे हैं.” मेरे और मेरे भविष्य के लिए. ठीक उसी क्षण, मेरा दर्द गायब हो गया.”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था तब मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कुछ बच्चे देखे. वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे. मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी जी, अमित शाह जी, RSS के लोगों ने हिंसा नहीं देखी है. वे डरते हैं. भाजपा का कोई नेता यहां पैदल ऐसे नहीं चल सकता इसलिए नहीं कि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें चलने नहीं देंगे बल्कि इसलिए क्योंकि वो डरते हैं.
भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आज जो राजनीति देश में चल रही है उससे देश का भला नहीं होगा, ये तोड़ने-बांटने, नफरत की राजनीति है. मेरी उम्मीद है ये नफरत खत्म होगी और प्रेम ही सबको जोड़ेगा.
कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये यात्रा चुनाव जीतने या कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि नफ़रत के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए निकाली गई.
कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में श्रीनगर के कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. राहुल ने शहर में ताजा बर्फबारी के बीच यात्रा का समापन करते हुए राष्ट्रगान की धुन के बीच पंथाचौक स्थित शिविर स्थल पर ध्वजारोहण किया. इस अवसर पर एक संक्षिप्त संबोधन में राहुल ने 136 दिनों की पैदल यात्रा के दौरान ‘भारत यात्रियों’ द्वारा दर्शाए गए प्यार, लगाव और समर्थन के लिए उनका आभार जताया. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पिछले साल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी.
लाल चौक पर लहराया था लहराया था
करीब 4,000 किलोमीटर चलने के बाद राहुल गांधी ने कल श्रीनगर के लाल चौक पर लहराया था. इस यात्रा का 135 दिनों के बाद समापन हुआ है. समापन समारोह की शुरुआत श्रीनगर में कांग्रेस कार्यालय में ध्वजारोहण के साथ की गई जिसके बाद स्टेडियम में रैली हुई. समापन समारोह में हिस्सा लेने के लिए 21 विपक्षी दलों को कांग्रेस ने न्योता दिया था.
राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा” के तहत पदयात्रा की समाप्ति के बाद संवाददाता सम्मेलन में कल कहा था कि एक तरफ कांग्रेस का नजरिया है और दूसरी तरफ भाजपा और आरएसएस का अहंकार एवं नफरत का नजरिया है. यह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत राहुल गांधी का 13वां संवाददाता सम्मेलन था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने विपक्षी एकजुटता से जुड़े सवाल पर कहा था, ‘आप किस आधार पर कह रहे हैं कि विपक्ष बिखर चुका है. विपक्षी एकता बातचीत और एक दृष्टिकोण के बाद आती है. यह कहना सही नहीं है कि विपक्ष बिखरा हुआ है. मतभेद हैं… लेकिन विपक्ष साथ खड़ा होगा, लड़ेगा. ‘
उनका कहना था, ‘यह विचारधारा की लड़ाई है. एक तरह भाजपा और आरएसएस की विचारधारा है, दूसरी तरफ गैर भाजपा और गैर आरएसएस ताकतें हैं.’
उनकी ये टिप्पणी उस वक्त आई जब सोमवार को यात्रा के समापन समारोह से जुड़ी रैली के लिए कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया है. हालांकि कुछ दलों ने इसमें शामिल होने में अपनी ओर से असमर्थता जताई है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस रैली में नेशनल कांफ्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, द्रमुक और कुछ अन्य दलों के नेताओं अथवा प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है.
समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसी पार्टियों के शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यह पूछे जाने पर कि कितने विपक्षी दल रैली में शामिल हो रहे हैं तो कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘इस बारे में आपको कल पता चलेगा.”