Raipur Teacher’s Day | शिक्षक दिवस पर ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस Aipc और आर्ना फाउंडेशन ने किया शिक्षकों का सम्मान
1 min readAll India Professional Congress AIPC and Arna Foundation honored teachers on Teacher’s Day
रायपुर। हमारे जीवन में गुरु शिक्षको का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। गुरु ज्ञान का भंडार होता है। वह हमें ज्ञान देता है, हमारा मार्ग आलोकित करता है। ज्ञान वह अमूल्य वस्तु है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। ज्ञान ऐसा कोश है, जिसमें से जितना व्यय करो वह उतना ही बढ़ता जाता है। गुरु ही हमारे जीवन का मार्गदर्शन करता है।
ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस एवं आर्ना फाउंडेशन के तत्वाधान से गवर्नमेंट स्कूल अम्लीडीह के सभी शिक्षकों का सम्मान किया गया, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर जी ने गुरुओं को स्मृति चिन्ह देकर व रक्षा सूत्र, श्रीफल, ट्रॉफी, सम्मान पत्र, मिठाई एवं पौधा देकर उनका सम्मान किया गया।
आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर जी ने कहा कि हमारी प्राचीन गौरवशाली भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है। हमारे वेदों, पुराणों, उपनिषदों, रामायण एवं गीता आदि में गुरु की महिमा का गुणगान किया गया है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान के समान पूज्य माना गया है। उन्होंने कहा कि गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है तथा गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। गुरु की सेवा करने वाले लोगों को कभी किसी वस्तु का अभाव नहीं होता। रामायण में ऋषि बाल्मीकि ने गुरु सेवा का उल्लेख किया है जीवन में गुरु का बहुत ऊंचा स्थान होता है। कोई भी गुरु का ऋण नहीं चुका सकता। प्रत्येक वह व्यक्ति गुरु हो, जो हमें ज्ञान देता है, भले ही वह एक अक्षर का ज्ञान हो।
गुरु शिष्य को एक अक्षर भी कहे, तो उसके बदले में पृथ्वी का ऐसा कोई धन नहीं, जिसे देकर वह गुरु के ऋण में से मुक्त हो सके।उन्होंने कहा कि संत कबीर ने गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया है। वह कहते हैं-
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु अपने गोबिन्द दियो बताय।।
अर्थात गुरु और गोविन्द एक साथ खड़े हों तो किसके पैर स्पर्श करने करना चाहिए, गुरु के अथवा गोविन्द के? ऐसी स्थिति में गुरु के चरणों में शीश झुकाना चाहिए, जिनकी कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
गुरु के बिना मनुष्य को न ज्ञान प्राप्त हो सकता है और न ही वह मोक्ष प्राप्त कर सकता है। आज हमारा सौभाग्य है कि हम गुरुओं का सम्मान करने का अवसर प्रदान हुआ है हम गुरुओं के हमेशा ऋणी रहेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ राज्य वुमन एंपावरमेंट / डेवलपमेंट की एडवाइजरी मेंबर डॉ.रूना शर्मा ने किया।
मुख्य अतिथि क्षितिज चंद्राकर जी, विशिष्ट अतिथि प्रत्युश भारद्वाज जी, विशेष अथिति योगिता खापडे जी, दीप सारस्वत जी, नितिन कुमार जी, सोनम श्रीवास्तव , काजल,आकाश, सत्यप्रकाश,प्रवाह, शर्माजी , अग्रवालजी,सुरेश देव सचदेव , रचना सिंह,एआईपीसी के बहुत मेंबर उपस्थित थे।