Traffic Rules In CG | जनता की सुविधा के लिए परिवहन विभाग का मास्टर प्लान, अब आप भी दे सकेंगे सुझाव …
1 min readTransport department’s master plan for the convenience of the public, now you will also be able to give suggestions
रायपुर। प्रदेश की सड़कों पर 67 लाख गाड़ियां दौड़ रहीं हैं। सूबे में औसतन यहां पर हर 5वें व्यक्ति के पास कोई न कोई गाड़ी है। परिवहन विभाग ने ट्रैफिक के नए नियम बनाए हैं। जनता की सुविधा के लिए ट्रैफिक सिस्टम को अब इसमें सोशल मीडिया को भी जोड़ा जा रहा है। जैम पोर्टल से सरकारी गाड़ियां ख़रीदने का फैसला किया गया है। अफसरों की टीम को महानगरों में स्टडी करने और मास्टर प्लान में विशेषज्ञों से सुझाव दिए गए हैं।
सड़क हादसों को रोकने परिवहन विभाग ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए ‘सड़क सुरक्षा मितान’ एवं यू-ट्यूब व ट्विटर पर ‘रोड सेफ्टी सीजी’ नाम से अकांउट बनाया है। इन अकाउंट पर मोटर व्हीकल एक्ट, हादसों के कारण एवं बचाव, राज्यभर के चिन्हित ब्लैक स्पॉट आदि की जानकारी होगी।
इस पर सड़क सुरक्षा अंतरविभागीय लीड एजेंसी काम कर रही है। सीएम भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसकी समीक्षा की है। जैम पोर्टल से गाड़ियां खरीदने से कम रेट व कम खर्च में गाड़ियां मिलेंगी।
नियमों का उल्लंघन भी नहीं होगा। यदि कोई गाड़ी शो-रूम में लगभग पौने नौ लाख रुपए तक मिलती है, तो वही जैम पोर्टल के जरिए लगभग 7.15 लाख रुपए तक मिल जाएगी। अब सारे सरकारी वाहन जैम पोर्टल पर ही रजिस्टर्ड हो रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के ताजा आदेश में विशेष सचिव अनुराग पांडेय ने नए बजट में मंजूर गाड़ियां इसी सिस्टम से क्रय करने कहा है।
अब जैम पोर्टल से देशभर में जहां गाड़ियां मैन्युफेक्चर होती हैं खरीदी आदेश दिए जा रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन 17.17 फीसदी अधिक हुए हैं। यानी कोरोना का इस कारोबार पर असर नहीं दिखा है।
छत्तीसगढ़ में हर पांचवें व्यक्ति के पास है वाहन, 40 लाख से ज्यादा कारें –
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 67 लाख गाड़ियां हैं। औसतन हर पांचवां व्यक्ति वाहन मालिक है। कारें 40 लाख 91 हजार 97 लोगों के पास हैं। जीप रखने के शौकीन 20 हजार 407 हैं। यात्री वाहनों में निजी यानों की केटेगरी में साधारण गाड़ियां 5 हजार 889 व डीलक्स गाड़ियां 1307 हैं।
मिनी बसों में 12 प्लस वन ओमनी 53 हजार 928 और 12 प्लस वन से 30 प्लस वन तक 6 हजार 312 गाड़ियां हैं। प्रदेश में मोटर कैब 20 हजार 91 हैं। टेंपो सिक्स प्लस वन 4,959 हैं। सिक्स प्लस से अधिक 1264 हैं। ऑटो रिक्शा में मालयान 10 हजार 717 और यात्री यान 33 हजार 367 हैं। प्रदेश में मल्टी एक्स -आर्टी कुलटेड गाड़ियां 38 हजार 30 हैं। मीडियम हैवी ट्रक व लॉरी 93 हजार 56 हैं। एलजीवी गाड़ियों में चार पहिया वाहन 94 हजार 604 व तीन पहिया गाड़ियां17 हजार 637 हैं।
5 लाख मोपेड – 24 लाख स्कूटर –
टू-व्हीवर में मोपेड 5 लाख 11 हजार 786 हैं। स्कूटर 23 लाख 97 हजार 730 हैं। मोटर साइकल 24 लाख 87 हजार 941 हैं। ट्रैक्टर की केटेगरी में खेती किसानी में काम आने वाले ट्रैक्टर 252589 हैं। जबकि ट्रैक्टर 10162 और अनुयान ट्राली 1106525 हैं। स्कूल बसें 3338 हैं। 1288 एंबुलेंस हैं। हॉर्वेस्टर 1284 हैं। इसी तरह 363 क्रेन व जेसीबी 2334 हैं। रोड-रोलर 229 हैं। ई-रिक्शा 3116 और ई-कार्ट 442 हैं।
दूसरे तरह की गाड़ियों की संख्या करीब 19 हजार 540 –
प्रदेश में शो-रूम से हर साल 5-6 लाख गाड़ियां सड़कों पर उतरती हैं। पिछले साल की तुलना में 17.17 फीसदी अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इसी तरह हजारों गाड़ियां एक्सीडेंट व पुरानी हो जाने की वजह से स्क्रैप में तब्दील हो जाती हैं। हालांकि स्क्रैप गाड़ियों को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ मापदंड भी तय किए हैं।
– टोपेश्वर वर्मा, सचिव, परिवहन विभाग