बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार पेंशनरों को घर बैठे ही मिली कुल 3 करोड़ रूपए की पेंशन : बैंक सखियों ने 22 हजार पेंशनरों को पहुंचायी राहत
1 min readबुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार पेंशनरों को घर बैठे ही मिली कुल 3 करोड़ रूपए की पेंशन : बैंक सखियों ने 22 हजार पेंशनरों को पहुंचायी राहत
राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बैंक सखियों के माध्यम से राज्य के पेंशनधारी बुजुर्गों, दिव्यांगों और गंभीर रूप से बीमार पेंशनरों को उनके घर पहुंचकर पेंशन की राशि प्रदान की जा रही है। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के 402 ग्राम पंचायतों के लिए नियुक्त 69 बैंक सखियों के द्वारा अब तक 21 हजार 897 पेंशन हितग्राहियों को 3 करोड़ 17 लाख रूपए की पेंशन राशि का घर-घर जाकर भुगतान कर बुजुर्गो, दिव्यांगों एवं बीमार पेंशनरों को राहत पहुंचाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत महिला स्व-सहायता समूहों की पढ़ी-लिखी सदस्यों को विभिन्न बैंकों में प्रशिक्षण के माध्यम से बैंकिंग प्रक्रिया की जानकारी दी जाती है।
सरगुजा जिले में बिहान के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूह की दीदीयों को बैंक सखी के रूप में नियुक्त किया गया है। बैंक सखी को कार्य करने के लिए लेपटाप एवं थम्ब मशीन मुहैया कराया जाता है, जिसमें वह बैंकिंग सेवाएं जैसे नगद निकालना, अकाउंट खोलना कार्य करती हैं। बैंक सखी योजना से ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं के लिए शहर नहीं जाना पड़ता है। अब उन्हें अपने गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हो जाती हैं, वहीं बैंक सखी बनकर परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं।
बैंक सखी नियुक्त हो जाने के काफी दूरगामी व सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। बैंक सखी लोगों के समय और धन की बचत करके उन्हें अपने ही गांव में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं, जहां लोगों को घर-घर पहुंच सुविधा मिल रहा है वहीं महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। वह बैंक सखी के रूप में कार्य करके बैंकिंग अर्थव्यवस्था में एक सकारात्मक आर्थिक योगदान दे रही हैं। इस तरह स्वरोजगार के द्वारा वे अपना तथा अपने परिवार के जीवनयापन का जरिया बन रही हैं। बैंक सखी योजना से पेंशन और मजदूरी भुगतान के लिए ग्रामीणों को अब शहर, बैंक के चक्कर लगाने नहीं पड़ते। इससे उनके चेहरे पर मुस्कान की झलक देखने को मिल रही है।