VIDEO | विधानसभा में पत्नी का अपमान सह नहीं पाए पूर्व सीएम, फूट-फूट कर रोने लगे, महाभारत कौरव सभा से की इसकी की तुलना
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नेशनल डेस्क। तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा अब वह विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे।
दरअसल, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान विधानसभा में उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के बाद नायडू ने कहा कि मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा। मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा।
बता दें कि विधानसभा से बाहर निकलने से पहले नायडू काफी भावुक दिखे। उनके आंखों में आंसू थे। उन्होंने हाथ जोड़ रखा था।
बाद में, मंगलागिरी में टीडीपी के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, 71 वर्षीय नायडू फूट-फूट कर रो पड़े। वह कुछ मिनटों के लिए अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे।
Shri @ncbn garu cried like a kid #ChandrababuNaidu #Telugudesham pic.twitter.com/OTS2xREi6W
— Jayadeep (@KingJdeep) November 19, 2021
उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की –
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी कभी राजनीति में नहीं रहीं। रोते हुए नायडू ने कहा कि चाहे मैं सत्ता में रहूं या बाहर, मेरे जीवन के हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया। फिर भी, उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की।
नायडू ने वर्तमान सभा की तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की –
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया। टीडीपी चीफ ने कहा, “मैंने अपने जीवन में कई संघर्षों, उतार-चढ़ावों का सामना किया। मैंने विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कई गरमागरम बहसें देखीं। लेकिन विपक्ष को इस तरह से कुचलना अभूतपूर्व है।
नायडू ने वर्तमान सभा की तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की, जहां शक्तिशाली कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सबके सामने उतारने की कोशिश करके उनका अपमान किया।
सत्ता पक्ष के सदस्य मेरी पत्नी का नाम घसीटते हुए गालियां दे रहे थे –
उन्होंने कहा कि अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जब सत्ता पक्ष के सदस्य मेरी पत्नी का नाम घसीटते हुए गालियां दे रहे थे तो अध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे। मुझे बाकी कार्यकाल के लिए विधानसभा से दूर रहने के मेरे फैसले पर बोलने और बयान देने का मौका भी नहीं दिया। मुझे अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ा।
मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा –
उन्होंने कहा कि मैं पिछले ढाई साल से अपमान का सामना कर रहा हूं। जब मेरी गरिमा से समझौता किया जाता है, तो सभा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा। मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों का जनादेश प्राप्त करने के बाद ही विधानसभा में लौटूंगा।
बता दें कि TDP विधायकों ने वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू के भाषण को बाधित करने की कोशिश की, जो विपक्षी दल पर हमला कर रहे थे। इस दौरान जब रामबाबू ने कथित तौर पर नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं, तो टीडीपी सदस्यों ने विरोध में मंच पर धावा बोल दिया और उनसे माफी की मांग की।