Chhoti Diwali 2021 | छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और महत्व, जनियें नरक चतुर्दशी का पूरा अर्थ
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रायपुर। छोटी दिवाली का पर्व धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। नरक शब्द पौराणिक कथाओं में वर्णित दैत्य राजा नरकासुर से संबंधित है और चतुर्दशी का अर्थ है चौदहवां दिन। छोटी दिवाली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
आगे देखिए छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और महत्व –
छोटी दिवाली कब है? –
इस साल छोटी दिवाली का पर्व 3 नवंबर 2021 को मनाया जा रहा है, जो कि दिवाली से एक दिन पहले होता है। दिवाली इस बार 4 नवंबर को मनाई जाएगी।
छोटी दिवाली 2021 शुभ मुहूर्त –
दुनियाभर के हिन्दु समुदाय के लोग पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान के लिए अनुकूल समय को शुभ मुहूर्त के नाम से जानते हैं। इस बार छोटी दिवाली, 3 नवंबर 2021 को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09:02 बजे से अगले दिन सुबह 06:03 बजे तक है।
स्नान या अभयंगा स्नान का समय सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 6 बजकर तीन मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से मनुष्य की आत्मा की शुद्धि होती है और मौत के बाद नरक की यातनाओं से छुटकारा मिलता है।
छोटी दिवाली 2021 पूजा विधि –
नरक चतुर्दशी के दिन लोग भगवान कृष्ण, काली माता, यम और हनुमान जी की पूजा करते हैं। मानता है कि इससे आत्मा की शुद्धि होती है और पूर्व में किए गए पापों का नाश होता है। इसके साथ ही नरक में जाने से भी मुक्ति मिलती है।
कुछ स्थानों पर छोटी दिवाली के मौके पर नरकासुर का पुतला दहन किया जात है। यह देश के विभिन्न इलाकों में मनाया जाता है।
छोटी दिवाली इतिहास और महत्व –
हिन्दी मान्यताओं के अनुसार, नरकासुर ने वैदिक देवी अतिथि के सम्राज को हड़प लिया था। उसने बहुत सी महिलाओं को प्रताड़ित भी किया था। नरकासुर के खिलाफ भगवान कृष्ण और सत्यभागा में संघर्ष किया और युद्ध में मार गिराया। वहीं नॉर्थ ईस्ट इलाके लोगों का मानना है कि नरकासुर का वध काली देवी ने किया था। यही कारण है कि छोटी दिवाली के दिन काली मां की पूजा भी की जाती है।