November 24, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

बड़ी खबर : अफगानिस्तान से लौटे भारतीय दूतावास में तैनात डॉग, अब छत्तीसगढ़ में देगे अपनी सेवा

1 min read
Spread the love

 

रायपुर। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने के बाद भारतीय दूतावास की सुरक्षा की कमान संभालने वाले तीन डॉग अब छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई की जिम्मेदारी संभालेंगे। तीनों डॉग बस्तर के बीहड़ों में नक्सल मोर्च पर तैनात होंगे। इनके सितंबर महीने तक छत्तीसगढ़ आने की उम्मीद है।

इन तीनों डॉग के यहां आने से भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को न सिर्फ नक्सल ऑपरेशन में मदद मिलेगी, बल्कि जमीन के नीचे दबे बम को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। दरअसल, तीनों डॉग को अफगानिस्तान में आईटीबीपी सुरक्षा कमांडो सुरक्षा दल के साथ हवाई जहाज से लाया गया है। उन्हें दिल्ली के छावला स्थित भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के कैंप में रखा गया है।

वहां से तीनों डॉग को छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। ये सभी श्वान अफगानिस्तान के काबूल स्थित भारतीय दूतावास में तैनात थे। तालिबान के काबूल पर कब्जे के बाद भारतीय दूतावास से सभी कर्मचारियों और राजनयिकों को हटाने के साथ श्वानों के वहां तैनात दल को भी भारत वापस लाया गया है। अब अफगानिस्तान में तैनात रहे यही डॉग स्क्वॉयड के सदस्य छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के मांद में मोर्चा संभालेंगे।

आईटीबीपी के डाग को विशेष ट्रेनिंग –

अफसरों के मुताबिक बेल्जियन मेलीनॉइज ब्रीड के डॉग वॉरियर्स का आईटीबीपी अलग-अलग तरीके से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करती है। इन डॉग्स को सीमावर्ती पहाड़ी इलाकों खासकर दूसरे देश के सटे दुर्गम और बर्फीले क्षेत्रों में पैट्रोलिंग करने की ट्रेनिंग दी जाती है। नक्सल गतिविधियों को रोकने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। विस्फोटक सुरंगें, बम निष्क्रिय करने और आदेश मिलते ही अटैक करने की गजब क्षमता इन श्वानों को खास बनाती है।

तीन साल तक दी सेवाएं –

अफसरों के मुताबिक काबूल के भारतीय दूतावास में आईटीबीपी कमांडो के साथ जो तीन डॉग तैनात थे, उनका नाम रूबी (मादा बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल), माया (मादा लैब्राडोर) और बॉबी (नर डाबरमैन) है। इन्हें उच्च क्वॉलिटी की ट्रेनिंग दी गई है। अफसरों के मुताबिक इन तीनों डॉग को काबुल में भारतीय दूतावास एवं राजनयिक अफसर व कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात आइटीबीपी कमांडो दस्ते के साथ रखा गया था। इन्होंने काबुल में करीब तीन साल तक अपनी सेवाएं दी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *