CG BREAKING | अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट का फ़ैसला, 45 दिन बाद मिली थी लाश, शंकराचार्य इंजीनियरिंग काॅलेज से जुड़ा मामला
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दुर्ग । छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए हाई प्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की कोर्ट ने आरोपी विकास जैन और अजित सिंग को आजीवन कारावास का सजा सुनाया है। हत्याकांड में शंकराचार्य इंजीनियरिंग काॅलेज में पढ़ाने वाली प्रोफेसर किम्सी जैन को दोष मुक्त किया है।
45 दिन बाद मिली थी लाश
10 नवंबर 2015 की शाम शंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज के चेयरमैन IP मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ था। अपहरण के 45 दिन अभिषेक की लाश आरोपी विकास जैन के चाचा अजीत जैन के स्मृति नगर निवास के बगीचे में सड़ी गली अवस्था में मिली। आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को दफना कर ऊपर फूल गोभी की सब्जियां उगा दी थी।
किडनैपिंग की खबर ने पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी। पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। यही वजह थी कि पूरे देश के करीब एक करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगालने के बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर-10 निवासी विकास जैन के ऊपर आ टिक गई थी।
मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अभिषेक के काॅलेज में पढ़ाने वाली प्रोफेसर किम्सी जैन, उसका पति विकास जैन और उसका चाचा अजीत शामिल था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लगातार इस मामले की जांच की गई और जांच पूरी होने के बाद दुर्ग न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। वहीं आज इस मामले में कोर्ट का फैसला आया है।