November 5, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

बेहद निराशाजनक बजट, यह बजट से ज्यादा भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र है – खाद्यमंत्री अमरजीत भगत

1 min read
Spread the love

 

रायपुर | केंद्र सरकार का यह बजट बेहद निराशाजनक है, इसमें न मध्यम वर्ग के लिये कुछ है, न किसानों के लिये, न ही छात्रों-युवाओं के लिये उन्होंने कोई प्रावधान किया है। इस बजट को ध्यान से देखने से पता चलता है कि जो भी प्रावधान किये गये हैं, वो निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने वाले हैं। जिसमें प्रमुख क्षेत्रों का विनिवेश है, सरकारी अधोसंरचना का उपयोग अब निजी कंपनियाँ करेंगी। आक्रोश व निराशा के साथ यह बातें छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कही। असम, तमिलनाडु जैसे राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, इस बजट में उन राज्यों को आगे रखा गया है जहाँ चुनाव होने वाले हैं। इसे देखकर मंत्री भगत बोल पड़े कि यह बजट है कि चुनावी घोषणा पत्र। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने असम, तमिलनाडु, केरल, प. बंगाल में बड़ी सड़क परियोजनाओं की घोषणा की है। इन्हीं राज्यों में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, इस घोषणा को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

इसी तरह वस्त्र उद्योग और जीवन बीमा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विदेशी निवेश को लेकर लोगों में नाराज़गी दिखाई दे रही है। वस्त्र उद्योग से करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं, इस क्षेत्र में विदेशी निवेश से देश के कारीगरों को बहुत नुकसान होगा। इस बारे में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये गांधी जी ने स्वयं चरखा चलाकर देश को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था। आज जब देश आत्मनिर्भर हो गया है तो विदेशियों को बुलाकर देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा रही है।
मंत्री भगत जीवन बीमा के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी 74 प्रतिशत करने पर भी अच्छे खासे नाराज़ लगे। उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियाँ आएँगी, हमारे देश के लोगों से बीमा प्रीमियम लेकर जाएँगी। इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारे देश से कमाकर यहाँ कितना पैसा दोबारा निवेश करेंगी। यह सीधा-सीधा देश को कंगाल बनाने वाला बजट है जहाँ देश के लोगों के हाथ आखिर में कुछ नहीं आएगा। सब या तो प्राइवेट हाथों में चला जाएगा या विदेशी ले जाएँगे।

मंत्री अमरजीत भगत को इस बात पर भी निराशा थी कि इतने बड़े आंदोलन के बाद भी उन्होंने कृषि सुधार के लिये बड़ा निर्णय नहीं लिया। यहाँ तक कि आंदोलन के दौरान दर्जनों किसानों की मौत हो गई लेकिन वित्तमंत्री जी ने उनका जिक्र तक नहीं किया। कोविड और लॉकडाउन के कारण देश के लाखों लोगों की नौकरियाँ चली गईं, आम लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। लोगों की क्रयशक्ति भी कम हुई है, ऐसे में लोगों को कोविड वैक्सीन निःशुल्क दिया जाना चाहिये था। यह कहते हुए छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आर्थिक रूप से जो लोग पहले की तुलना में कमजोर हुए हैं, उनके लिए मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने का प्रावधान क्यों नहीं किया गया। इस बजट को लेकर लोगों की उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन मुनाफे वाले क्षेत्रों के विदेशी निवेश और निजी व्यवासियों के हाथ में दिये जाने से लोग आशंकित हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *