Diwali 2020 | दिवाली पर 499 साल बाद अद्भुत संयोग, जानें किसका शुरू हो रहा अच्छा समय
1 min readदीपावली का त्योहार इस साल शनिवार, 14 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली (Diwali 2020) के शुभ मौके पर इस साल ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है. दिवाली पर धन और ज्ञान का कारक बृहस्पति ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि (Shani) अपनी स्वराशि मकर में रहेगा। जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा. ज्योतिषविदों का कहना है कि दिवाली पर ऐसा संयोग 499 साल बाद बन रहा है। इससे पहले ग्रहों की ऐसी स्थिति 1521 में देखी गई थी।
इस वर्ष एक बड़ा संयोग ये भी बन रहा है कि दिवाली और नरक चतुदर्शी एक ही दिन होगी। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस दिन सुबह स्नान करके यम तर्पण और शाम के वक्त आंगन में दीप जलाने और दान करने का बड़ा महत्व होता है।
नरक चतुर्दशी पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:23 से सुबह 6:43 बजे तक रहेगा। इस तिथि को नरक चतुर्दशी के साथ दिवाली भी मनाई जाएगी। हालांकि चतुर्दशी तिथि दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी जो 15 नवंबर की सुबह 10.00 बजे तक रहेगी। इस अवधि में दिवाली मनाई जाएगी।
बृहस्पति ज्ञान और शनि धन-संपत्ति के कारक माने जाते हैं। दीपावली पर गुरु-शनि के स्वराशि में रहने से कई लोगों का भाग्य चमक सकता है। यह दीपावली आपके लिए कई शुभ संकेत लेकर आएगी। ज्योतिषियों के मुताबिक वृषभ, कर्क, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए समय काफी शुभ रहने वाला है। जबकि मिथुन, सिंह और कन्या राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर रहना होगा।
ज्योतिषविदों का कहना है कि 11 नवंबर से 14 नवंबर तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। दिवाली, धनतेरस और सर्वार्थ सिद्धि योग के बीच खरीदारी करना बड़ा शुभ होगा। खासतौर से कोई वाहन खरीदने या व्यापार के शुभारंभ के लिए यह समय बड़ी ही खास रहने वाला है।
दिवाली के दिन हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और पितरों का पूजन करना ना भूलें। मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजन करें. पूजा के वक्त श्री सूक्त का पाठ करें। चाहें तो विष्णुसहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।