सांई बाबा की जन्मभूमि को लेकर उध्दव ठाकरे के बयान पर आंदोलन शुरू
1 min readशिर्डी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिर्डी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित परभणी जिले के पाथरी को सांई बाबा का जन्मस्थान बताया और उद्धव ने पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। ठाकरे की घोषणा से नाराज शिर्डी के लोगों ने आज से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। इस आंदोलन में शिर्डी और आसपास के 25 गांवों के लोग शामिल हैं।
बंद के बावजूद सांई बाबा के समाधि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा की तरह उमड़ रही है। सांई मंदिर ट्रस्ट ने बंद में ट्रस्ट के शामिल नहीं होने की घोषणा की है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर शिर्डी में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।
आंदोलनकारियों का कहना है पाथरी गांव का विकास ठीक है, लेकिन उसे सांई की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी सांई बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जाते रहे हैं। जब तक मुख्यमंत्री अपना बयान वापस नहीं लेंगे आंदोलन जारी रहेगा। सांई के जन्म को लेकर सही जानकारी किसी को नहीं है। कहा जाता है वह शिर्डी आकर बस गए। इसके बाद से शिर्डी की पहचान सांई से हो गई।
राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया था कि उनके पास पाथरी को सांंई बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। शिर्डी सांई बाबा की कर्मभूमि है और पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का विशेेेष महत्व है। देश-विदेश से लोग पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। शिर्डी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को सांई बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए। शिर्डी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।