September 22, 2024

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Women Getting Employment | स्थानीय स्तर पर महिलाओं को मिल रहा रोजगार

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Women Getting Employment | Women getting employment at the local level

महिलाएं गौठानों में ब्रम्हास्त्र तैयार कर 64 हजार 950 रूपए की आमदनी

करलखा और कोचवाही के गौठान में गौमूत्र से हो रही है, फसलों की संजीवनी ब्रम्हास्त्र तैयार

रायपुर। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत ग्रामीण कृषि, पशुपालन और उनके उत्पाद तथा अपशिष्ट पदार्थ का उपयोग स्थानीय स्तर पर कृषि एवं उस पर आधारित कार्यों में कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर और 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। जैविक खेती के लिए गोबर का उपयोग वर्मी खाद बनाने तथा गौमूत्र का उपयोग कीटनाशक दवाई ब्रह्मास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत बनाने में किया जा रहा है। राज्य की स्व-सहायता समूह की महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही है।

नारायणपुर जिले के ग्राम करलखा और कोचवाही के गौठान में गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र और जीवामृत बनाई जा रही है। वर्तमान में जब रसायन युक्त खेती के कई हानिकारक प्रभावों से हमें जूझना पड़ रहा है, तब जैविक खेती को अपनाने की पहल भी शुरू हो रही है। जैविक खेती में मुख्य रूप से गोबर खाद का उपयोग किया जाता है, लेकिन कीट पतंगों से बचाव के लिए कोई विशेष उपाय नहीं होने के कारण अधिकतर किसानों का फसल नुकसान हो जाता है। फसलों की बचाव के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का एक महत्वपूर्ण नवाचार गौमूत्र से दवाई फसल की बचाव के लिए संजीवनी साबित हो रही है।

जिले के किसानों को जैविक दवाई उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन के द्वारा गौठानों में स्व-सहायता समूह के सदस्यों के माध्यम से गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र और जीवामृत तैयार किया जा रहा है। गौमूत्र विशेष गुणों से युक्त होता है, जिसका प्रयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है। इसे बनाने के लिए गौमूत्र को पांच प्रकार की पत्तियों जैसे नीम, करंजी, पपीता, सीताफल और अमरुद के साथ उबालकर ठंडा किया जाता है और पैकेजिंग कर विक्रय किया जा रहा है। इसे उपयोग करने के लिए 5 लीटर ब्रह्मास्त्र को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रत्येक पंद्रह दिनों में फसलों में छिड़काव किया जाता है। इसके अतिरिक्त किसानों की मांग अनुसार गौमूत्र वृद्धि वर्धक का उत्पादन भी किया जा रहा है। एक लीटर ब्रह्मास्त्र पचास रुपए में और वृद्धिवर्धक चालीस रुपए में करलखा एवं कोचवाही गौठान तथा सी-मार्ट से खरीदा जा सकता है। करलखा में झांसी की रानी महिला स्व-सहायता समूह और कोचवाही में सरस्वती महिला स्व सहायता समूह द्वारा इन उत्पादों को विक्रय कर 64 हजार 950 रूपए की आय अर्जित की गई है। रसायन मुक्त भोजन और स्वस्थ जीवनशैली के लिए गौमूत्र आधारित खेती वर्तमान की मांग है। गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं को ब्रम्हास्त्र बनाने के साथ ही स्व-रोजगार मिल रही है, जिससे समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर होती जा रही हैं।

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