Vice President Election : उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मार्गरेट अल्वा ने किया नामांकन, राहुल गांधी समेत कई नेता रहे मौजूद
1 min readनई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के बाद अब उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मंच सज गया है। विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, NCP प्रमुख शरद पवार और अन्य विपक्षी नेता मौजूद थे। 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई ही है।
इससे एक दिन पहले सोमवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अपना नॉमिनेशन फाइल किया था। इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। धनखड़ को कई पार्टियों ने समर्थन का ऐलान किया है। बीजेडी, AIADMK, जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के नेता भी कह चुके हैं कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ का साथ देंगे।
#WATCH | Opposition's Vice-Presidential candidate Margaret Alva files her nomination papers at Parliament, in the presence of Congress leaders Rahul Gandhi, Mallikarjun Kharge & Adhir Ranjan Chowdhury, NCP chief Sharad Pawar, Shiv Sena's Sanjay Raut and other Opposition leaders. pic.twitter.com/oHmMvB6ij3
— ANI (@ANI) July 19, 2022
इससे पहले, पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस की दिग्गज नेता मार्गरेट अल्वा को 17 पार्टियों के नेताओं की तरफ से विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया था। उपराष्ट्रपति चुनाव में साझा रणनीति तय करने के लिए सोमवार को कई विपक्षी दलों की बैठक शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर हुई थी। अल्वा ने एक ट्वीट में कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मुश्किल चुनाव होगा, लेकिन मुझे किसी चुनौती से डर नहीं है। मैं सभी विपक्षी दलों के नेताओं का तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने मेरी उम्मीदवारी का समर्थन किया। उनका कहना था कि राजनीति में मुद्दा लड़ाई लड़ने का होता है न कि जीतने या हारने का।
मार्गरेट अल्वा राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। कर्नाटक के मेंगलुरु में 24 मई 1942 को जन्मी अल्वा का राजनीतिक सफर 1969 में शुरू हुआ था। वह 1975 से 1977 के बीच कांग्रेस की ज्वाइंट सेक्रेटरी रहीं।1978 से 1980 तक कर्नाटक से कांग्रेस महासचिव रहीं। वह चार बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा की सदस्य रह चुकी हैं. 1999 में वह लोकसभा पहुंची थीं।