Vaccination In CG | स्कूलों में शिविर लगाकर होगा 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण, सामने आई बड़ी वजह …
1 min readChildren of 12 to 14 years of age will be vaccinated by organizing camps in schools, the big reason revealed …
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 12 से 14 साल के बच्चों को कोरोना टीका
लगाना चालू कर दिया गया हैं, लेकिन यह शुरुवात काफी धीमी हैं। वैक्सिनेशन के पहले दिन प्रदेश भर में केवल एक हजार 618 बच्चों को यह टीका लगाया जा सका। रायपुर जिले में तो केवल 31 लोग ही टीका लगवाने पहुंचे। अब इसे ध्यान में रखकर यहां की सरकार अगले सप्ताह से स्कूलों में टीकाकरण शिविर लगाने की तैयारी कर रही है।
इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने बताया कि कोविन पोर्टल में पंजीयन संबंधी कुछ दिक्कतों की वजह से टीकाकरण पूरी स्पीड से शुरू नहीं हो पाया था। केवल जिला अस्पतालों में बनाए टीकाकरण केंद्रों में 12 से 14 साल तक के बच्चों के टीकाकरण की व्यवस्था हुई थी। अब टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने की तैयारी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया बच्चों के लिए हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को अनुमति मिली है। प्रदेश भर में 13 लाख 21 हजार 286 बच्चों को यह टीका लगाया जाना है। छत्तीसगढ़ में इस वैक्सीन की 10 लाख खुराकें मिली हैं जो पर्याप्त हैं। कोशिश है कि तेजी से इसे लगाकर बच्चों को एक सुरक्षा कवर मुहैया करा दिया जाए। स्कूलों सहित विभिन्न संस्थानों से बात हुई है। अगले सप्ताह से इसके टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
किशोराें के लिए मिली है आपातकालीन मंजूरी –
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फरवरी महीने में कॉर्बेवैक्स को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी। इससे पहले DGCA वयस्कों के बीच आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए कॉर्बेवैक्स को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इस वैक्सीन की निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-ई को अंतरिम परिणामों यानी क्लीनिकल ट्रायल के आधार पर 12 से 14 साल आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण की अनुमति मिल गई।
चार सप्ताह में दी जानी है दूसरी खुराक –
बच्चों को लगाया जाने वाला कॉर्बेवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर (मांसपेशियों के जरिए) लगाया जाता है। इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है। कॉर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल डोज) और 5 मिलीलीटर (10 डोज) की शीशी में उपलब्ध है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है।