जासूसी करते पकड़े गए पाक उच्चायोग के दो अफसर, 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश
1 min readजासूसी करते पकड़े गए पाक उच्चायोग के दो अफसर, 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश
- पकड़े गए दोनों अफसर वीजा सेक्शन में काम करते हैं
- आर्मी पर्सन को टारगेट करते थे, ISI देती थी लिस्ट
पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. दोनों अधिकारी जासूसी में लिप्त पाए गए हैं. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है. दोनों को कल भारत छोड़ना है. करोल बाग से रंगे हाथ पकड़े गए आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते हैं.
पाकिस्तान के चार्ज डे अफेयर के समक्ष भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ पाक उच्चायोग के इन अधिकारियों की गतिविधियों के संबंध में विरोध दर्ज कराया गया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के दो अफसरों को भारतीय कानून प्रवर्तन अथॉरिटी के अधिकारियों ने जासूसी में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
इस बाबत पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे.
मीटिंग के लिए गए थे करोल बाग
इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी. रविवार को दोनों वीजा असिस्टेंट करोल बाग इलाके में मीटिंग के लिए गए थे, जहां रंगे हाथ दिल्ली पुलिस सपेशल सेल की टीम ने पकड़ा. सीनियर अफसरों के मुताबिक, MEA के जरिए दोनों को पाकिस्तान हाई कमीशन को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है. पूछताछ हो चुकी है. काफी सबूत मिले हैं.
खुद को दोनों इंडियन बताते थे
पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले आबिद के पास से दिल्ली के गीता कॉलोनी के नासिर गोतम नाम का आधार कार्ड मिला है. आबिद और ताहिर आर्मी पर्सन को टारगेट करते थे और खुद को इंडियन बताते थे. इसको लेकर ISI बाकायदा लिस्ट देती थी किन-किन लोगों को टारगेट करना है.
पकड़े गए जावेद का काम दिल्ली में आबिद और ताहिर को अलग-अलग इलाकों में ले जाना था. इनके लिए डाक्युमेंट्स भी जावेद ही बनवाता था. जावेद उच्चायोग में ड्राइवर था, लेकिन ISI के लिए जासूसी का काम कर रहा था.
इनके पास से क्लासिफाइड सीक्रेट डॉक्युमेंट्स मिले हैं. इंडियन आर्मी से जुड़े, स्पेशल सेल की टीम पता लगा रही है कि इनको ये डॉक्युमेंट्स कहां से मिले हैं. स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने कई आर्मी पर्सन को टारगेट करने की कोशिश की थी. अब उनका पता लगाया जाएगा.