केशकाल | बिलासपुर में दिखेगा बस्तरिया परंपरा व संस्कृति का नजारा, सैकड़ों की संख्या में कलाकार हुए रवाना
1 min readनीरज उपाध्याय/केशकाल:- 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में न्यायधानी बिलासपुर में आदिवासी समाज की ओर से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें शामिल होने वाले प्रदेश भर के लोगों को बस्तर संभाग के आदिवासी समाज की संस्कृति एवं पारंपरिक नृत्यों का नजारा देखने को मिलने वाला है। जिसके तहत आदिवासी समाज के वरिष्ठजन झाड़ीराम सलाम (बड़ेडोंगर) एवं रामलाल सलाम (धनोरा) के नेतृत्व में कोंडागांव जिले के धनोरा, फरसगांव, बड़ेडोंगर, चिखलाडीही समेत आसपास के अन्य ग्रामों से 6 बसों में सवार होकर लगभग 350-400 की संख्या में आदिवासी समाज के महिला, पुरुष, सियान व युवा वर्ग बिलासपुर के लिए रवाना हुए हैं।
गुलबापारा में करवाया गया जलपान-
रविवार की दोपहर आदिवासी समाज का काफिला केशकाल के ग्राम गुलबापारा पहुंचा। जहां ग्राम पंचायत के सरपंच शिवकुमार सलाम एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने पंचायत भवन में सभी अतिथियों का स्वागत कर उन्हें जलपान करवाया। इसके पश्चात काफिला बिलासपुर के लिए रवाना हुआ।
बिलासपुर में दिखेगा बस्तर का नजारा-
सर्व आदिवासी समाज के वरिष्ठ नागरिक झाड़ीराम सलाम ने बताया कि बिलासपुर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में बस्तर संभाग के पारंपरिक नृत्य जैसे कि माड़िया नाचा, मांदरी नाचा, ढोल नाचा, डंडार, हुलकी, चारहेंग नाचा समेत आधा दर्जन से अधिक नृत्यों के कलाकारों को लेकर हम बिलासपुर जा रहे हैं। वहां हम बस्तर की अनोखी एवं अमूल्य संस्कृति का दर्शन लोगों को भी करवाएंगे।
ये रहे मौजूद-
इस दौरान मुख्य रूप से जनपद सदस्य नरेश नेताम, पंचायत सचिव सोनाराम यादव, वार्ड पंच निरंजन नेताम, माखन मरकाम, महेंद्र बघेल, रामजी नेताम, दशरथ मंडावी, कामेश्वरी बघेल, साधुराम बघेल, जयपाल मरकाम, हेमलाल नेताम समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणजन मौजूद रहे।