SUKMA | जवानों को अपने प्रभाव वाले इलाके में आने से रोकने अब लकड़ी और बांस की स्पाइक का इस्तेमाल करते हैं नक्सली
1 min read
जर्नलिस्ट अनवर हुसैन –
सुकमा । नक्सलियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन पर निकले जवानों को रोकने लकड़ी व बांस से बनाई गई स्पाइक को आईईडी डिटेक्टर भी नही कर पा रहे। जैसे नक्सलियों के ख़िलाफ़ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन तेज किए जा रहे है वैसे नक्सलियों द्वारा अपने नक्सल एरिया मे जवानों को आने से रोकने नक्सलियों द्वारा अपनी रणनीति मे तेज़ी से फेरबदल करते देखा जा रहा है। नक्सलियों द्वारा काफ़ी पहले से जवानों को नुक़सान पहुँचाने अपने ही इलाके के सुरक्षाबलों गुजरने वाले मार्ग पर आईईडी व स्पाइक होल का इस्तेमाल किया जाता रहा है पर जवानों ने नक्सलियों की लगाए आईईडी व लोहे के स्पाइक को डिटेक्ट कर लिया जाता रहा है। वही, पूर्व मे इस नक्सल रणनीति से कई जवान घायल भी हुए है पर जवानों द्वारा नक्सलियों की इस रणनीति को फेल करते हूए भी नक्सलियों के इलाक़ों मे आसानी से पहुँचा जा रहा था, जिसकी वजह से नक्सलियों द्वारा अब अपनी रणनीति मे बड़ा फेरबदल किया गया है।
नक्सलियों की नई रणनीति के तहत नक्सल इलाके मे पहुँचने वाले ग्रामीण पगडंडियों व मार्गों को छोड़ कर नक्सलियों द्वारा जगह जगह स्पाइक होल बनाया गया है। नक्सलियों द्वारा पूर्व मे लोहे के स्पाइक होल का इस्तेमाल कर जवानों को अपने इलाके मे रोकने का प्रयास होता रहा है इस बार नक्सलियों ने लोहे की जगह अब लकड़ियों और बांस का इस्तेमाल स्पाइक बनाने किया जा रहा है। हाल मे 19 नवम्बर को चिंतागुफा इलाके मे लाँच किए गए कोबरा 206 बटालियन ज़िला बल व डीआरजी सीआरपीएफ के एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान 20 नवम्बर को कोबरा 206 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट मयंक कुमार डनसेना के नेतृत्व मे निकले पार्टी के एक जवान नक्सलियों की लगाई लकड़ी व बांस के स्पाइक होल के चपेट मे आ गए। जिससे बांस की बनी स्पाइक साईराम नाम के जवान के पैरो मे जूते से धंसते हूए उनके पैर मे जा घुसी वही मौक़े पर जगह जगह लकड़ी और बांस की स्पाइक के साथ ही लोहे की स्पाइक भी जवानों द्वारा देखी गई। नक्सलियों की जवानों को रोकने बनाई गई इस रणनीति के चलते जवानों को भी अलर्ट किया गया है।