Sukma | नक्सलियों का भूपेश सरकार व मंत्री कवासी लखमा से सवाल, बंद निर्दोष ग्रामीणों को बिना शर्त रिहा करने का किया था वादा, अब क्यों मुकर गई सरकार ..?
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जर्नलिस्ट अनवर हुसैन –
सुकमा । नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर दक्षिण बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस कैम्प खोले जाने का विरोध किया है। वहीं, सुरक्षा बल के जवानों पर ग्रामीणों से मारपीट करने का आरोप लगाते माओवादियों ने कहा कि भूपेश सरकार चुनाव से पहले किए गए वादों से मुकर गई है।
केरलापाल एरिया कमेटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेखित है कि छत्तीसगढ़ में सत्तारुढ़ काँग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने चुनाव से पहले पुलिस कैम्पों को हटाने व जेलों में बंद निर्दोष ग्रामीणों को बिना शर्त रिहा करने का वादा किया था लेकिन सरकार बनने के बाद जन विरोधी कानून अपनाते हुए अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प खोला जा रहा है।
केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पुलिस कैम्प खोलने के बाद सड़क, पुल-पुलिया निर्माण करके खनिज सम्पदाओं को बड़े कारपोरेट घरानो को सौपने की तैयारी हो रही है। यह सब बिना ग्रामसभा की अनुमति के किया जा रहा है इसके विरोध में ग्रामीणों ने 22 नवंबर को बड़े सट्टी से जिडामपल्ली, गोलागुड़ा तक विरोध प्रदर्शन किया है।
मंत्री लखमा पर लगाया आरोप
नक्सलियों ने प्रेस नोट में आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर भी निशाना साधते कहा है कि मंत्री कवासी लखमा ने भी अपने वादों को भुला दिया है। उन्होंने 16 नवम्बर 2020 को यहां बडेसट्टी में आकर ग्रामीणों की बैठक की और नए कैम्प खोलने, सड़क व पुलिया निर्माण के बारे मे शर्मनाक भाषण दिया।