छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त राज्य की ओर बढ़ता कदम ,न यहां थाली पीटने की जरुरत, न आपको दिये जलाने की जरुरत और न आपको घर की लाइट बंद करने की जरुरत…
1 min readछत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त राज्य की ओर बढ़ता कदम ,न यहां थाली पीटने की जरुरत, न आपको दिये जलाने की जरुरत और न आपको घर की लाइट बंद करने की जरुरत…
रायपुर 5 अप्रैल, 2020। छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त राज्य की ओर कदम बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है। न यहां आपको थाली पीटने की जरूरत, न आपको दिए जलाने की जरूरी और न ही घर की लाइट बन्द करने की जरूरत है। दरअसल यह छत्तीसगढ़ है। यहां के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी है। यहां की सरकार ने ही ठान ली है कि सब स्वस्थ रहे और प्रदेश को आगे बढ़ाएं। ऐसा नहीं कि इस प्रदेश में कोरोना ने आक्रमण नहीं किया। यहां पर भी विदेशों से लोग आए, यहां भी बाहरी श्रमिकों और मजदूरों की भीड़ आई और तो और साहब यहां भी तबलीगी जमात का समूह आया। किंतु इन सब झेंझंवतो के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया जन जन के नेता माटी पुत्र अपने द्रढता पूर्ण निर्णय और योजनाओं से कोरोना से न केवल मुकाबला करते नजर आए। अपितु इस को पीछे धकेलने में सफल होते नजर आ रहे।
ये सिर्फ थाली पीटने या दिए जलाने से संभव नहीं हुआ अपितु सफल हुआ है। सही समय में सही निर्णय लेने और और प्रशासनिक अमले से क्रियान्वित कराने से। जब छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन का निर्णय लिया तो पूरे देश ने उस पर प्रश्नचिन्ह लगाए आज वो ही उस निर्णय को सही बता रहे है। जब देश में लॉक डाउन का निर्णय हुआ तो लाखों की संख्या में मजदूर और श्रमिक छत्तीसगढ़ आये। क्योकि वे मूल रूप से छत्तीसगढ़ के ही है। उनके सामने दो वक्त की रोटी की समस्या थी वो थाली पीटने या दिया जलाने से नहीं गई। ब्लकि सरकार ने हर राशन दुकान से उन्हें दो माह का राशन उपलब्ध करवाया।
जगह-जगह गरिबों को खाना उपलब्ध कराने के लिए समाजिक संगठनों का साहयोग लिया गया। व राजनेता अपने स्वहित की तिलांजलि दे कर लग गए, स्कूल से मध्यान भोजन का सूखा राशन और आगनबाड़ी केंद्रों से पूरक पोषण आहार लाखों घरों में पहुंचा दिया गया। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर पुलिस ने भी 24 घण्टे लगातार काम करके न केवल शांति व्यवस्था स्थापित की। बल्कि तरह-तरह के अभिनव प्रयोगों से जनता का मनोरंजन भी किया।
स्वास्थ विभाग के डॉक्टर और उसके कर्मचारियों को बीमा व अतरिक्त भत्ते की गारंटी देना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता को प्रकट करता है। जब पूरे देश में अधिकारी कर्मचारियों का वेतन में भारी मात्रा में कटौती की जा रही उस समय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा कर दी कि कर्मचारियों को 10 से 15 घण्टे काम कर रहे है। बदले में मैं उनका वेतन नहीं काट सकता और आदेश दिया कि राज्य शासन के किसी कर्मचारी का एक दिन का भी वेतन न काटा जाए। मुख्यमंत्री जी इस अंतः विचार ने कर्मचारियों को उनके साथ ला खड़ा किया।
अभी तक कि सरकारें तो कर्मचारी को सरकार का नौकर समझती थी लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने उन्हें परिवार का सदस्य मान कर निर्णय लिया। आज छत्तीसगढ़ में 10 में 8 कोरोना पीड़ित स्वस्थ हो कर घर जा चुके और 2 की स्थिति सुधारात्मक है। ये थाली पीटने या दिए जलाने या दीवाली मनाने या गो कोरोनो का नारा लगाने से संभव नहीं हुआ।
सम्भव हुआ है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में सम्पूर्ण शासन प्रशासन और जनता के साथ कोरोना के विरुद्ध खड़े हो जाने से। छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व जिस प्रकार काम कर रही निश्चित ही वो दिन दूर नहीं जब हमारा छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त हो जायेगा।