State Level Youth Festival | रॉक बैंड की प्रस्तुति से झूमे दर्शक, आधुनिकता और पारंपरिकता की दिखी अनूठी जुगलबंदी
1 min readState Level Youth Festival | The audience danced with the performance of the rock band, a unique juxtaposition of modernity and tradition
रायपुर। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के तीसरे एवं अंतिम दिन रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में युवाओं में जबरदस्त जोश और उत्साह दिखाई दिया। राॅक बैंड प्रतियोगिता में युवा जमकर थिरके। प्रतियोगिता में आधुनिकता और पारंपरिकता की अनूठी जुगलबंदी दिखाई दी। बैंड में जहां देशभक्ति गीत, जसगीत और भगवत गीता के श्लोक सुनाई दिए, वहीं ससुराल गेंदा फूल और फिल्मी संगीत ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। महासमुंद जिले ने अपनी प्रस्तुति में ’चोला माटी के हे राम……..एखर का भरोसा चोला माटी के हे राम’ से जीवन का गूढ़ संदेश युवाओं को दिया, साथ ही ’झुन-झुन पैरी बाजे गोरी’ जैसे गीतों की ताल पर बच्चों से लेकर बुजुर्गांे तक को खूब थिरकाया। प्रतियोगिता में 15 से 40 आयु वर्ग में कोण्डागांव और 40 से अधिक आयु वर्ग में सक्ती जिला विजेता रहे।
प्रतियोगिता में सबसे पहले 15 से 40 आयु वर्ग में रायपुर संभाग के धमतरी जिले ने 51 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का वादन कर रॉक बैंड की सुमधुर प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ के लोक पारंपरिक वाद्ययंत्रों को आधुनिकता के रंग में पिरोकर कलाकारों ने प्रस्तुत किया। उन्होंने तबला, हारमोनियम के साथ नाल, ढफड़ा, निशान, मोहरी, बांसुरी, शहनाई, घुंघरू, मृदंग, छरछरा, बासकांगो, बांसशंख, लम्बाड़ा, बांस चिकारा, ढफली, बांस कुहका, नगाड़ा, तुर्रा, डमरू, काष्ठ घुंघरू, चुटका, खरताला, परपड़ी, बांस चुटका, ब्रम्हदण्ड, खिरकिरी, बास तरंग, शिकारी बास, अलगोजा, झालर जैसे 51 वाद्ययंत्रों का वादन कर स्वरलहरियों का सुमधुर समा बांध दिया। धमतरी जिले के बाद कोण्डागांव, महासमुंद और सरगुजा जिले ने अपनी प्रस्तुतियां दी। कोण्डागांव जिले के रॉक बैंड ने छत्तीसगढ़ी गीतों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग हर वर्ग को झूमने को मजबूर कर दिया। उन्होंने भगवत गीता के श्लोक ‘यदा यदा ही धर्मस्य…़़़..संभवामि युगे युगे‘ गाकर जहां दर्शकों को अचंभित किया वहीं उनके ‘ससुराल गेंदा फूल‘ गाते ही परिसर का पूरा महौल बदल गया और युवा जमकर थिरके।
प्रतियोगिता में 40 से अधिक आयु वर्ग में सक्ती जिले द्वारा गिटार और बांसुरी वाद्य यंत्रों के सुदंर मेल के साथ प्रस्तुति दी गई, वहीं धमतरी जिले द्वारा जस गीत की प्रस्तुति में दर्शक जमकर झूमे। उन्होंने ‘आमा पान के पतरी….‘ और ‘मोर शितला भवानी…‘जैसे गीतों से शानदार प्रस्तुति दी और दर्शकों को बांधे रखा। बीच-बीच में गेड़ी नाच ने दर्शकों को खूब लुभाया।
राॅक बैंड प्रतियोगिता के परिणाम – 15 से 40 आयु वर्ग में बस्तर संभाग के कोण्डागांव जिले ने प्रथम स्थान, रायपुर संभाग के धमतरी जिले ने दूसरा और सरगुजा संभाग के कोरिया जिले ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी तरह 40 से अधिक आयु वर्ग में बिलासपुर संभाग से नवगठित सक्ती जिला प्रथम रहा और रायपुर संभाग के धमतरी जिले ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में भाग लेने आए युवा भी बड़ी संख्या में राॅक बैंड की प्रस्तुति देखने पहुंचे। बैंड के सुर-ताल में युवाओं के पैर रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। दुर्ग जिले से फुगड़ी खेलने आई दुलेश्वरी भी पैरों में छालों के बावजूद पूरे जोश और उत्साह में दिखी और जमकर थिरकी। महासमुंद जिले के बैंड के युवा परफार्मर जावेद कुरैशी ने कहा कि बैंड परफार्मेंस में आधुनिकता के साथ प्राचीनता का मेल किया गया है, ताकि युवा अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और उसे जाने। इससे अपनी पुरानी कला को संजोने में भी मदद मिलेगी।