November 7, 2024

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Snake Held Hostage | छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास का अजीब मामला, कोबरा को परिवार ने बना लिया बंधक

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Strange case of superstition in Chhattisgarh, the family took the cobra hostage

कोरबा। अंधविश्वास का अजीबों गरीब मामला सामने आया है, ग्रामीण क्षेत्र में मासूम बच्चें को जहरीले कोबरा ने डस लिया। घटना के बाद परिवार ने बच्चें को इलाज के लिए ले जाने से पहले कोबरा को पकड़कर घर में बंधक बना लिया गया। वहीं स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने भी सांप को छुड़ाने का प्रयास किया गया, लेकिन परिजन अपने बच्चें के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही सांप को रिहा करने की बात पर अड़ा रहा।

स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी ने बताया –

सर्पदंश और फिर सांप को ही बंधक बना लिये जाने का ये पूरा मामला कोरबा जिला के ग्राम कनकी का हैं। स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी की माने तो उन्हे कनकी गांव में एक सांप का घर में बंधक बनाकर रखे जाने की जानकारी मिली। उनकी टीम तत्काल गांव पहुंची और घटना की हकीकत जानने का प्रयास किया गया। जितेंद्र सारथी की माने तो गांव में रहने वाले गंगाराम धनुहार नामक ग्रामीण के बेटे को पिछले दिनों कोबरा सांप ने काट लिया था। घटना की जानकारी के बाद परिवार दहशत में आ गया, और बेटे की जान बचाने के लिए तत्काल कोबरा को एक टोकरे से ढक कर बंधक बना लिया गया।

परिवार ने सांप को छोड़ने से किया इनकार-

सर्पदंश के शिकार बच्चें को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के एक दिन बाद जब सांप को छुड़ाने के लिए स्नेक रेस्क्यू टीम गांव पहुंची तो गंगाराम धनुहार ने सांप को छोड़ने से इंकार कर दिया। परिवार के लोगों का कहना था कि ना हम सांप को छोड़ेगें व ना ही उसे मारने देगें। ग्रामीणों में व्याप्त अंधविश्वास को देखने के बाद टीम वापस लौट आयी और सर्पदंश के शिकार बच्चें की तबियत जानने का प्रयास किया गया। डॉक्टरों की टीम ने समय पर उपचार मिल जाने के कारण बच्चें की तबियत में सुधार दर्ज होने की जानकारी दी गयी। इस दौरान करीब 4 दिनों तक धनुहार परिवार ने कोबरा सांप को घर में ही बंधक बनाकर रखा गया था।

4 दिन बाद ग्रामीणों के चंगुल से छूटा साँप –

बच्चें के स्वस्थ होने के बाद दोबारा स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी सांप को रिलीज कराने गांव पहुंचे। परिवार वालों को काफी समझाया गया, तब जाकर परिवार के लोगों ने बंद कमरे में टोकरे से ढक रखे सांप को स्नेक रेस्क्यू टीम को सौंपा गया। इसके बाद जितेंद सारथी की टीम ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया। सांपो के संरक्षण की दिशा में काम करने वाले जितेंद्र सारथी ने बताया कि आज भी गांव में ये अंधविश्वास हैं कि सांप के काटने के बाद वह जितना चलता हैं, उतनी तेजी से जहर इंसान में चढ़ता हैं।

चार दिनों तक कौतूहल का विषय बना रहा मामला –

बस इसी अंधविश्वास के कारण धनुहार परिवार ने भी सांप को बंधक बना लिया था, ताकि उनके बच्चें पर सांप के जहर का ज्यादा असर ना हो सके। फिलहाल इस अंधविश्वास के कारण कनकी गांव में पिछले 4 दिनों से कौतुहल का विषय बना हुआ था। सांप को बंधक बनाकर बच्चें का इलाज करा रहे परिवार पर पूरे गांव की नजर थी, कि आखिर होगा क्या ? इस पूरे मामले पर एक बार फिर स्नेक रेस्क्यू टीम ने गांव में जाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करने के साथ ही सांप की जान बचाने में सफलता हासिल की हैं, वही सर्पदंश के शिकार बच्चा भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

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