स्कूल शिक्षा विभाग को मिला एमबिलियंथ अवार्ड | ‘निकलर एप्प’ द्वारा पढ़ाई कराने के लिये नई दिल्ली में 6 मार्च को मिला पुरस्कार
1 min readSchool Education Department received Ambilionth Award. Received award on March 6 in New Delhi for providing education through ‘Nickler App’
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में ‘निकलर एप्प’ द्वारा पढ़ाई कराने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग को एमबिलियंथ पुरस्कार से नवाजा गया है है। छत्तीसगढ़ को यह अवार्ड 6 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शिक्षा के क्षेत्र में इस उपलब्धि के लिए प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक लोक शिक्षण सुनील जैन, महाप्रबंधक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा, एन.आई.सी. रायपुर के वैज्ञानिक श्री सोमशेखर और स्कूल शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 14 नवंबर 2022 को लांच किए गए सुघ्घर पढ़वैया कार्यक्रम में भी स्कूलों का आंकलन निकलर एप्प के माध्यम से बहुत कम समय में किया जा सकेगा। इसके लिए भी शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि साउथ एशिया में एमबिलियंथ अवार्ड मोबाइल के माध्यम से आम जनता तक तकनीकी का उपयोग कर जीवन सुगम बनाने की दिशा में किए जा रहे नवाचारों को सम्मानित करता है। जिसकी शुरुआत 2010 से की गई थी, सम्मान देने की यह 12 वीं श्रृंखला है।
निकलर एप्प –
कक्षा में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में बच्चे सीख रहे हैं अथवा नहीं, यह देखने के लिए आंकलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, पर हमारी कक्षाओं में बच्चों के कार्यों का आंकलन बहुत समय लेने वाली प्रक्रिया है। कभी शिक्षक को अपने कक्षा में एक एक बच्चे को बुला कर उनके कार्यों को ध्यान से देखना पड़ता है। कभी बच्चों की कापी एकत्र कर स्कूल में या फिर घर में समय निकलकर कॉपी जांचनी पड़ती है। आजकल पालक जागरूक हैं इसलिए कॉपी जांचते समय काफी सावधानी बरतनी पड़ती ह
इस टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षकों के कार्यों को आसान करने हेतु किया जाता है। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग और एन आई सी ने भी शिक्षकों के आंकलन संबंधी कार्य को आसान करने के लिए लंबी रिसर्च करते हुए निकलर एप्प का निर्माण किया है। एप्प के उपयोग के लिए सबसे पहले हमें गूगल प्ले स्टोर में जाकर निकलर एप्प को डाउनलोड करना होता है। स्कूल के यू-डाइस के आधार पर पोर्टल से विद्यार्थियों के लिए क्यू आर कोड वाले कार्ड डाउनलोड कर उसे एक पुठ्ठे में चिपकाना पड़ता है। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए इस प्रकार से एक यूनिक कार्ड उनके नाम से देना होता है। इसे आपस में बदलना नहीं चाहिए। यह उस बच्चे के नाम से उसके पास पूरे सत्र में रहना चाहिए।
किसी टॉपिक को पढ़ाने के बाद प्रश्न पूछना हो तो आप निकलर एप्प में उस पाठ से संबंधित उपलब्ध प्रश्न निकालकर पूछ सकते हैं या फिर स्वयं अपने प्रश्न दे सकते हैं। पूछे जाने वाले प्रश्न के चार विकल्प होने चाहिए। बच्चों को सही विकल्प के आधार पर कैसे कार्ड को पकड़ना है यह सिखाना होगा। निकलर एप्प का उपयोग कर बच्चों की उपस्थिति भी ली जा सकती है। इस एप्प के माध्यम से पूछे जाने वाले विभिन्न प्रश्नों के ऑडियो भी बनाकर प्रश्न पूछ सकते हैं। एप्प के उपयोग में कुछ भी दिक्कत आई है तो शिक्षकों के बीच से ही तकनीकी रूप से विशेषज्ञ शिक्षक साथियों ने उनके हेल्प वीडियो बनाकर हमारी सहायता करते हैं। जिससे कक्षा में इसका क्रियान्वित करना आसान हो गया है। समग्र शिक्षा की ओर से इस एप्प के उपयोग हेतु निरन्तर आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष सभी स्कूलों को इंटरनेट के लिए बजट भी उपलब्ध करवाया गया है। शिक्षकों को निकलर एप्प के उपयोग के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है।