Sawan Somwar 2022 | आज सावन का आखिरी सोमवार, तीन शुभ योगों का निर्माण, पढ़ें पूरी खबर
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Today is the last Monday of Sawan, the formation of three auspicious yogas, read the full news
रायपुर। आज सावन का आखिरी सोमवार है। ग्रहों की विशेष स्थिति आज तीन शुभ योगों का निर्माण कर रही है। ज्योतिषियों का कहना है कि इन शुभ योगों में महादेव की आराधना से मिला पुण्य कभी खत्म नहीं होगा। आइए जानते हैं श्रावण मास के आखिरी सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए कौन से शुभ योग बन रहे हैं और इस दिन भोलेनाथ की उपासना कैसे करें।
ज्योतिषियों का कहना है कि सावन के आखिरी सोमवार चंद्रमा में ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा, जिसका स्वामी इंद्र है और संयोग से आज इंद्र योग भी बन रहा हैं। द्वादशी होने के कारण महादेव कैलाश पर रहेंगे। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से रवियोग और पद्म योग का निर्माण होगा। इन शुभ योगों के चलते सावन के आखिरी सोमवार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। ज्येष्ठ नक्षत्र में आप शुभ और मांगलिक कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।
सावन के आखिरी सोमवार कैसे करें शिव पूजन –
भगवान शिव के रूद्र रूप को रूद्राभिषेक बहुत प्रिय है. महादेव की कृपा से सारी ग्रह बाधाओं और समस्याओं का नाश होता है। सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है। किसी भी तरह के कष्ट या ग्रहों की पीड़ा रुद्राभिषेक करने से दूर हो जाती है। मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम होता है। मान्यता है कि कुंडली में मौजूद महापातक या अशुभ दोष भी शिव जी का रुद्राभिषेक करने से दूर हो जाते हैं।
आखिर सोमवार शिव स्तुति का पाठ –
शास्त्रों के अनुसार, सावन के सोमवार में शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। नियमित रूप से शिव स्तुति करने से कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है। इससे भक्तों में व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है, आत्मबल मजबूत होता है।
शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और शनि दोष को कुप्रभावों से भी छुटकारा मिलता है, जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष लगा हुआ है, उन्हें शिव स्तुति का विशेष लाभ मिलता है।