Satta Bazar | छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस को कितनी सीटें दे रहा सट्टा बाजार ?
1 min readSatta Bazar How many seats is the betting market giving to BJP and Congress in Chhattisgarh?
रायपुर. छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान समाप्त होने के बाद सभी की किस्मत ईवीएम में कैद है, जो 3 दिसंबर को खुलेगी लेकिन इससे पहले किसकी सरकार बनने वाली है इसे लेकर घमासान जारी है वही चुनावी सीटों को लेकर सट्टा बाजार भी बेहद गर्म है. इस वर्ष 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. सट्टा का कारोबार वैसे तो भारत के कई राज्यों में बैन है, लेकिन चुनावी साल में उम्मीदवारों पर सट्टा न लगे ये कैसे हो सकता है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों पर सटोरिया मोटी रकम लगा रहे हैं. अभी उम्मीदवारों की जीत और हार पर सट्टा लग रहा है.
बता दें कि इससे पहले कौन पार्टी किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी इस पर भी दांव लग चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश में 50 हजार रुपए से लाखों रुपए तक मोटी रकम लगाया जा रहा है. सबसे अहम बात तो ये है कि गांव से लेकर शहरों में उम्मीवारों की जीत और हार पर सट्टा लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा भाव कुरुद और धमतरी विधानसभा के उम्मीदवारों पर लग रहा है. कहा जा रहा है कि जीतने वाले प्रत्याशियों के ऊपर दांव के तीन गुना भाव है.
सबसे चर्चा में रहे धमतरी विधानसभा सीट के प्रत्याशी घोषणा के लिए धमतरी शहर व गांवों में लाखों का सट्टा लगा. अब 17 नवंबर को प्रदेश समेत जिले के तीनों विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है. भाजपा-कांग्रेस समेत अन्य पार्टी व निर्दलियों के भविष्य ईवीएम मशीन में कैद है. इस बीच जिले के सिहावा, धमतरी और कुरूद विधानसभा सीट के भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के हार जीत के लिए अभी से सट्टा बाजार गर्म होने लगा है. सटोरिये सक्रिय हो चुके हैं.
जीतने व हारने वाले दोनों प्रत्याशियों पर भाव लगना शुरू हो गया है. 50 हजार रुपए से लाखों का दांव अभी से लग रहा है. कुछ सटोरियों की मानें, तो धमतरी और कुरूद विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों पर सबसे ज्यादा सट्टा लग रहा है. जीतने वाले प्रत्याशियों के लिए तीन गुना भाव है, जबकि हारने वाले प्रत्याशियों पर कम है.
एग्जिट पोल से पहले सट्टा बाजार के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भाजपा 39 से 41 तो वही, कांग्रेस 50 से 52 सीट सटोरियों के लिए परोसे जा रहें. बाकी अन्य राज्यों में जैसे राजस्थान में भाजपा को 120 तो वही कांग्रेस को 69, मध्य प्रदेश में भाजपा को 109 कांग्रेस को 118, तेलंगाना में BRS को 55 भाजपा को 06 और कांग्रेस को 57 AIMIM को 8 सीट.
जहां एक और केंद्र और राज्य सरकार सट्टे के व्यापार में नकेल कसने के लिए लगी है, तो वहीं राजनीति को सट्टे में परोसा जा रहा है. मानना तो यह भी होगा कि सट्टा और राजनीति का अपना अलग ही नशा है.