November 21, 2024

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सीएम केजरीवाल ने यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर एग्जाम रद्द करने का किया आग्रह पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

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  • दिशा निर्देशों में संशोधन लाएं और आखिरी सेमेस्टर की परीक्षाएं रद्द कर छात्रों का भविष्य बचाएं.
  • यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को दिशानिर्देश दिया है कि आखिरी सेमिस्टर के छात्रों की लिखित ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षाएं करवाई जाएं.

Delhi/thenewswave.com दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फाइनल ईयर छात्रों के एग्जाम को लेकर आग्रह किया है.  सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि केंद्र सरकार और यूजीसी छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए अपने दिशा निर्देशों में संशोधन लाएं और आखिरी सेमेस्टर की परीक्षाएं रद्द कर छात्रों का भविष्य बचाएं.

सीएम केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया,  ‘हमारे युवाओं के लिए, डीयू और अन्य केंद्रीय सरकार के विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने और भविष्य को बचाने के लिए मैं माननीय पीएम से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं.’

आपको बता दें कि यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को दिशानिर्देश दिया है कि आखिरी सेमिस्टर के छात्रों की लिखित ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षाएं करवाई जाएं. इन दिशानिर्देशों के कारण देश के लाखों छात्रों, शिक्षकों और अभिवावकों में रोष है. लोगों का मानना है कि यह निर्णय गलत है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.

इस पत्र में केजरीवाल ने आईआईटी और एनएलयू का उदाहरण देते हुए दलील दी है कि इन प्रमुख संस्थानों ने अपने छात्रों को आखिरी सेमिस्टर में प्राप्त अंकों को आधार पर डिग्री दे दी है. तो अन्य सभी यूनिर्सिटी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है. केजरीवाल ने कहा है कि दुनिया के बड़े बड़े विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों को कोरोनासंकट के चलते आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर डिग्री दे दी है.

दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली सहित कई राज्य सरकारों ने अपने विश्वविद्यालयों में समुचित दिशा निर्देश जारी कर सभी परीक्षाएं रद्द कर वैकल्पिक आधार पर छात्रों को डिग्री देने के निर्देश दिए हैं.

सीएम केजरीवाल का कहना है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के मामले में यह निर्णय केंद्र को लेना है. दिल्ली यूनिवर्सिटी भी इसमें शामिल हैं. सीएम ने अपने पत्र के जरिए पीएम को बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि यूजीसी पहले ही उनकी इस अपील को खारिज कर चुका है ऐसे में अब छात्रों के भविष्य के लिए पीएम को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए.

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