November 22, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

राहत भरी खबर -कोरोना की पहली देसी वैक्सीन तैयार, जुलाई में शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

1 min read
Spread the love

राहत भरी खबर -कोरोना की पहली देसी वैक्सीन तैयार, जुलाई में शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

भारत बायोटेक ने बनाई है ‘कोवैक्सीन’

डीसीजीआई से ट्रायल की इजाजत मिली

@thenewswave.comकोरोना वायरस के गंभीर संकट के बीच एक अच्छी खबर है. यह खबर कोरोना के वैक्सीन से जुड़ी है. भारत में कोविड-19 की पहली वैक्सीन कोवैक्सीन तैयार कर ली गई है. इसे भारत बायोटेक ने बनाया है. खुशखबरी यह है कि इस वैक्सीन को इंसानों पर आजमाने (ह्यूमन ट्रायल) की अनुमति मिल गई है. भारत बायोटेक को सोमवार को यह अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने दी है.

बता दें, भारत बायोटेक हैदराबाद की फार्मा कंपनी है, जिसने कोविड की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. कंपनी का कहना है कि ‘कोवैक्सीन’ के फेज-1 और फेज-2 के ह्यूमन ट्रायल के लिए उसे डीसीजीआई से हरी झंडी भी मिल गई है. कंपनी ने यह भी कहा है कि ट्रायल का काम जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू किया जाएगा. भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इनसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है.

कोरोना वायरस से जुड़े SARS-CoV-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में अलग किया गया था. इसके बाद स्ट्रेन को भारत बायोटेक को ट्रांसफर कर दिया गया. कोवैक्सीन पहली देसी वैक्सीन है, जिसे भारत बायोटेक ने तैयार की है. हैदराबाद की जिनोम वैली में अति सुरक्षित लैब की बीएसएल-3 (बायोसेफ्टी लेवल 3) में इसे बनाया गया है.

कंपनी ने प्री-क्लिनिकल स्टडीज और इम्यून रेस्पॉन्स की रिपोर्ट सरकार के पास जमा कराई है. इसके बाद डीसीजीआई और स्वास्थ्य मंत्रालय ने ह्यूमन ट्रायल के फेज-1 और फेज-2 की अनुमति दी है. इसके साथ ही पूरे देश में जुलाई महीने में इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है.

कोवैक्सीन भारत में बनाई गई पहली वैक्सीन है. इसे तैयार करने में आईसीएमआर और एनआईवी ने बड़ी भूमिका निभाई है. डीसीजीआई ने ट्रायल की मंजूरी मिलने में अहम रोल अदा किया है. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एल्ला के मुताबिक, रिसर्च एंड डेवेलपमेंट (आरएंडडी) टीम के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि यह काम सार्थक हो पाया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *