Raipur News | रायपुर नगर निगम में सत्ता गठन की तैयारी, सभापति और MIC सदस्यों की रेस तेज
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Raipur News | Preparation for formation of power in Raipur Municipal Corporation, race for Chairman and MIC members intensifies
रायपुर। रायपुर नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एकतरफा जीत के बाद अब सभापति, महापौर परिषद (MIC) सदस्यों और 10 जोन अध्यक्षों के चयन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी के भीतर वरिष्ठ और प्रभावशाली पार्षदों को प्रमुख पदों पर बिठाने की रणनीति बनाई जा रही है।
सभापति की दौड़ में दो प्रमुख नाम
नगर निगम सभापति पद के लिए दो प्रमुख नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इनमें पहला नाम सूर्यकांत राठौर का है, जो 5वीं बार पार्षद बने हैं। वे पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं और निगम प्रावधानों की अच्छी जानकारी रखते हैं। तेजतर्रार नेता होने के चलते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
मेयर मीनल चौबे के शपथ ग्रहण के बाद होंगे बड़े फैसले
भाजपा पार्षदों में महापौर परिषद (MIC) और जोन अध्यक्ष बनने की होड़ लग गई है। मतगणना के दिन से ही कई पार्षद अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। मेयर मीनल चौबे के शपथ लेने के बाद MIC का गठन होगा और 10 जोन अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। नियम के अनुसार, जो सभापति होगा, वह अपने जोन का अध्यक्ष भी होगा, इसलिए 9 जोन में ही नए अध्यक्षों की नियुक्ति होगी।
MIC की रेस में ये नाम आगे
भाजपा के 60 पार्षदों में से वरिष्ठ और युवा पार्षदों का संतुलन बनाते हुए MIC का गठन किया जाएगा। इस पद के लिए सरिता आकाश दुबे और दीपक जायसवाल का नाम सबसे आगे चल रहा है। पिछले कार्यकाल में दोनों ने सत्ता पक्ष पर जमकर सवाल उठाए थे और उनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा था।
अन्य संभावित नामों में साधना प्रमोद साहू, गज्जू साहू, गोपेश साहू, अमर गिदवानी, गायत्री सुनील चंद्राकर, रामहिन कुर्रे, अवतार बागल, आशु चंद्रवंशी और संतोष साहू का नाम शामिल है।
कांग्रेस के लिए मुश्किलें, जोन अध्यक्ष पद पर नहीं लड़ सकेगी दावेदारी
कांग्रेस के इस बार सिर्फ 7 पार्षद जीतकर आए हैं, जिनमें संदीप साहू ही एकमात्र सीनियर पार्षद हैं। शेष 5 महिला पार्षदों को नगर निगम का अनुभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस जोन अध्यक्ष पद के लिए किसी भी जोन में दावेदारी नहीं कर पाएगी।
जोन अध्यक्ष पद के लिए एक प्रत्याशी, एक प्रस्तावक और एक समर्थक का होना जरूरी होता है, लेकिन कांग्रेस के पास इतने पार्षद नहीं हैं कि वे सभी 10 जोनों में फार्म भर सकें।
निगम में नेता प्रतिपक्ष का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं
नगर निगम में भाजपा के 60, कांग्रेस के 7 और 3 निर्दलीय पार्षद चुने गए हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, नगरीय निकाय अधिनियम में नेता प्रतिपक्ष का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।
नगर निगम सचिवालय के अनुसार, राजनीतिक दल अपने स्तर पर नेता प्रतिपक्ष तय करते हैं, लेकिन कानूनी रूप से नगर निगम में इस पद की कोई मान्यता नहीं होती है।
शपथ के साथ ही प्रशासक का कार्यकाल होगा समाप्त
वर्तमान में रायपुर नगर निगम सहित राज्य के 10 नगर निगमों में कलेक्टर प्रशासक की भूमिका में हैं। जैसे ही मेयर और पार्षदों का शपथ ग्रहण होगा, प्रशासक का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और चुनी हुई सरकार कार्यभार संभालेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह
प्रदेश में 17, 20 और 23 फरवरी को तीन चरणों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। अधिकारियों की व्यस्तता को देखते हुए नगर निगमों में शपथ ग्रहण समारोह पंचायत चुनाव के बाद होने की संभावना है।
रायपुर नगर निगम में भाजपा की जीत के बाद सत्ता की बागडोर पूरी तरह से भाजपा के हाथ में आ गई है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि पार्टी किसे प्रमुख पदों पर बिठाकर शहर की सरकार चलाएगी।