Raipur Master Plan 2031 | रायपुर शहर का अगले दस वर्षों के लिए नया मास्टर प्लान जारी .. विकास को मिलेगा जोर
1 min readRaipur Master Plan 2031 | New master plan of Raipur city released for the next ten years .. Development will get thrust
रायपुर। आखिरकार दो साल विलंब से रायपुर शहर का अगले दस वर्षों के लिए नया मास्टर प्लान जारी कर दिया गया है। यह यहां की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए 30 लाख लोगों के हिसाब से तैयार किया गया है। इसमें 106 गांवों को भी शामिल किया गया है। इसके बाद रायपुर शहर का कुल दायरा 50 हजार 72 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 35 हजार 553 हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित करने का प्रस्ताव दिया गया है।
जो कि कुल निवेश क्षेत्र का लगभग 70 प्रतिशत है। इसमें 100 नई एमआर सड़कें बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया है, जो पुराना धमतरी रोड, नया धमतरी रोड, बलौदाबाजार रोड, बिलासपुर रोड के आसपास विकसित भूमि के लिए प्रस्तावित है। इनकी चौड़ाई 30 मीटर, 45 मीटर और 60 मीटर होगी। रायपुर शहर के नए मास्टर प्लान में बलौदाबाजार, महासमुंद और धमतरी रोड में आवासीय भूमि प्रस्तावित की गई है, जो 13 हजार 842 हेक्टेयर है। इससे पूर्व 11 नवंबर 2022 को मास्टर प्लान का प्रथम प्रारूप जारी किया गया था, जिसके एवज में 1,487 दावा-आपत्तियां आई थीं। इनमें समिति ने 463 आपत्तियों को मान्य किया है।
तेजी से बढ़ रही है शहर की आबादी नए मास्टर प्लान के हिसाब से अब रायपुर शहर का कुल क्षेत्रफल 503.67 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इस बार 30 लाख की आबादी के हिसाब से मास्टर प्लान तैयार किया गया है जबकि पिछली बार 25 लाख की आबादी के लिए 16,000 हेक्टेयर जमीन के साथ प्लान तैयार किया गया था। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा मास्टर प्लान 2031 के तहत विकास योजना तैयार की जा रही है। विकास का केंद्र होगा दक्षिणी क्षेत्र नए मास्टर प्लान 2031 में शहर का विकास धमतरी, महासमुंद और बिलासपुर की दिशा में बढ़ना प्रस्तावित किया गया है। शहर के विकास का केंद्र दक्षिणी क्षेत्र रहेगा।
बिलासपुर की ओर औद्योगिक केंद्र, बलौदाबाजार रोड में लाजिस्टिक हब, धमतरी रोड की ओर आवासीय और एजुकेशन हब बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। रायपुर शहर का कुल दायरा 5,155 वर्गमीटर होगा। पिछले मास्टर प्लान का शेष जोड़ा गया मास्टर प्लान 2021 में निधार्रित मापदंड से ज्यादा भूमि का उपयोग किया गया था। मास्टर प्लान 2021 में सबसे ज्यादा लापरवाही आमोद-प्रमोद क्षेत्र विकसित करने में हुई है। अनियंत्रित विकास के कारण यह 1,610 हेक्टेयर प्रस्तावित था, जिसमें 241.03 हेक्टेयर ही भूमि विकसित की गई। जो योजनाएं मास्टर प्लान में रह गई हैं, उन्हें भी नए प्लान में जोड़ा गया है।