RAIPUR FRAUD | AIIMS में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से 10 लाख की ठगी, ऐसे हुआ पूरे कांड का खुलासा …
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रायपुर । एम्स में नौकरी लगाने के नाम पर राजनांदगांव के युवक से ठगी हो गई। आरोपी ने एम्स के बड़े डॉक्टर और अधिकारियों का नाम लेकर खुद को उनका करीबी बताया और बेरोजगारों से लगभग 10 लाख रुपए वसूल लिए। इस मामले में पीड़ित युवक ने पुलिस से जब शिकायत की तो पूरे कांड का खुलासा हुआ। ठगी करने वाले कई दिनों से युवकों के अपने झांसे में लिए हुए थे।
मामले की छानबीन आमानाका पुलिस कर रही है। इस केस में मानवाधिकार आयोग के कर्मचारी और युवक जो खुद को एम्स का डॉक्टर बताता है शामिल है। शिकायतकर्ता युवराज ने बताया कि मेघनाथ चंद्रवंशी नाम का आरोपी राजनांदगांव का ही रहने वाला है। वर्तमान में यह राज्य मावन अधिकार आयोग रायपुर में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदस्थ है। मेघनाथ ने फरवरी में युवराज को कॉल करके रायपुर एम्स में कमप्युटर ऑपरेटर का पद पर भर्ती की जानकारी दी।
उसने कहा नौकरी के बदले 3 लाख रुपए देने होंगे। युवराज ने हामी भर दी। जब युवराज ने पूछा कि नौकरी कैसे लगेगी तो मेघनाथ ने कहा कि मानवाधिकार कार्यालय में मेरे सहकर्मी धनेश भारती हैं। भारती के रिश्तेदार डॉ मनीष टंडन रायपुर में पदस्थ हैं।कहा गया कि सारा काम मनीष टंडन के जरिए ही होगा। युवराज तसल्ली कर लेना चाहता था। उनसे डॉ मनीष ने बात की। मनीष ने खुद को एमबीबीएस जूनियर रेसिडेंट बताया, और कहा कि मेरी ड्यूटी ट्रामा में रहती है।
मनीष ने बताया कि नौकरी बातें उसने एम्स के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीवान, बंसोड सर, डॉ. पिपरे, डॉ अग्रवाल (हड्डी रोग विशेषज्ञ) से उसकी बात हो चुकी है। इन अधिकारियों का नाम सुनकर युवराज ने तीन लाख रुपए दे दिए। बदले में युवराज को नियुक्ति पत्र दिया गया, जब इसे लेकर युवराज एम्स पहुंचा तो यहां ये पत्र फर्जी बता दिए गए। पुलिस के मुताबिक इसी तरह अन्य युवकों से कुल 10 लाख रुपए लिए गए हैं। मामले की जांच जारी है।