RAIPUR EXCLUSIVE | CORONA इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहा प्राइवेट हॉस्पिटल, CONGRESS विधायक ने खोला मोर्चा, अब पहचान छुपा रहे है पॉजिटिव मरीज… TEST को बता रहें फर्जी
1 min read
रायपुर । छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना मरीजों में इजाफा हो रहा है वही, मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। हर रोज कोरोना अपना एक नया रिकॉर्ड तैयार कर लेता है। प्रदेश की राजधानी रायपुर इसकी चपेट में सबसे ज्यादा है। कुछ समय पूर्व ही सरकार ने जनता की सहूलियत के लिए कुछ निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए अनुमति दी थी लेकिन अभी अस्पताल इलाज के नाम पर लोगों को लाखों के बिल थमा रहे हैं।
बता दे कि thenewswave.com को भी राजधानी के निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूलने की शिकायत मिली है। मरीजों का कहना है कि कोरोना के इलाज के नाम पर उन्हें निजी अस्पताल में केवल ठेंगा मिल रहा है और बिल लाखों का बन जा रहा है। अपने अच्छे इलाज की इच्छा लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने वाले मरीज अब इस बात से कन्फ्यूजन में है कि एक ओर सरकारी अस्पतालों में बिस्तर भर रहें है और दूसरी ओर निजी अस्पताल में मनमाना रुपया वसूला जा रहा है, आखिर वे अब करे तो क्या करें?
राजधानी में पहचान छुपा रहें कोरोना मरीज, एक्शन मोड में प्रशासन
आज कलेक्टर द्वारा निर्देश दिया गया है कि कोरोना मरीज जो जांच के बाद अपनी पहचान छुपा रहे हैं (गलत फोन नंबर और पता देना / कई बार फोन लगाने के बावजूद जवाब नहीं देना और फोन बंद कर देना) उन पर अब FIR की कार्यवाही की जाएगी। लोगों की इस मनमानी का एक कारण यह भी है कि कोरोना के नाम पर जो निजी अस्पतालों द्वारा खेल खेला जा रहा है। उसके कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यह लगता है कि वह तो बीमार ही नहीं है बल्कि जबरन पॉजिटिव कर उन्हें अस्पताल भेजा जा रहा है और इनमें कई उपद्रवी तत्व भी मौजूद है जो जानबूझकर इस तरह का कृत्य कर रहे हैं। इसलिए प्रशासन भी अब एक्शन मोड में आ गई है।
विधायक विकास उपाध्याय ने खोला मोर्चा
रायपुर कांग्रेस के पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय ने निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका साफ तौर पर कहना है कि इस तरह की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख इसकी शिकायत की है। वही, लोगों से जल्द निवारण की भी बात कही है।
कोरोना टेस्टिंग पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ कोरोना टेस्ट को लेकर भी सवालिया निशान पर है, यहां 2 प्रकार की टेस्ट की जा रही है। पहली RTP-CR और दूसरी रेपिड एंटीजन टेस्ट…
एम्स के हवाले से रेपिड एंटीजन टेस्ट को विश्वसनीय नही माना गया है और सबसे अधिक प्रदेश में यही टेस्ट भी किया जा रहा है लेकिन अब कोरोना के टेस्ट को लेकर लोगों द्वारा सवाल उठाए जा रहें है। कई का कहना है फर्जी तरीके से टेस्ट कर लोगों को पॉजिटिव बताया जा रहा है और यह कोरोना मरीज बढ़ाने का तरीका है और पैसे कमाने का भी….
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम पहुंची रायपुर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम रायपुर एम्स पहुंची है। टीम वहां कोरोना मरीजों की सुख-सुविधाओं का जायजा ले रही है। इसके बाद केंद्रीय दल मेकाहारा में मरीजों से भी मुलाकात करेगा। केंद्र की टीम का निरीक्षण केवल सरकारी अस्पतालों पर होगा या निजी अस्पतालों में भी निरीक्षण किया जाएगा। क्या यह टीम मनमानी फीस वसूली पर किसी प्रकार की कार्यवाही करेगी या यूं ही लौट जाएगी….? यह प्रश्न भी सबके सामने है।
बहरहाल, अब देखना यह है कि निजी अस्पतालों की पोल खुल जाने के बाद सरकार कौन-सा रुख अपनाती हैं। मामला यूं ही चलता रहेगा या विधायक विकास उपाध्याय की शिकायत के बाद भूपेश सरकार इस पर एक्शन लेगी?