RAIPUR EXCLUSIVE | सब्जियों व फलों की कालाबाजारी, LOCKDOWN से पहले धड़ल्ले से बिक रहें पेट्रोल व शराब, मकसद सिर्फ एक जनता की जेब खाली करानी है जनाब, पढ़ें हमारी खास REPORT…!
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रायपुर । राजधानी समेत जिले में 21 सितंबर से 28 सितंबर तक लॉक डाउन की घोषणा की गई। इस घोषणा के बाद राशन, पेट्रोल, फल एवं सब्जियों को लेकर कालाबाजारी चालू हो गई है।
बता दे कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण कई जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है वहीं, इस बार यह लॉकडाउन काफी सख्त बताया जा रहा है। अब ऐसे में जाहिर है कि लोग इस घोषणा के बाद अपने घरों के लिए राशन, फल व सब्जियां खरीदने धड़ल्ले से निकल रहे हैं। इसके कारण संक्रमण का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है।
फल व सब्जियों के दाम ने छुए आसमान
इस बार राजधानी में पहले की तरह लॉकडाउन नहीं होगा बल्कि कई अधिक शख्ती बरतते हुए सब्जी व फल की दुकानों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है, इस घोषणा के बाद तो लूट मच गई। टमाटर, धनिया, मिर्ची यह किचन में उपयोग होने वाली आम सब्जियां हैं, जिनके दामों को डबल कर मार्केट में बेचा जा रहा है। ग्राहक इतने मजबूर हैं कि उन्हें यह खरीदना पड़ रहा है। वही, फलों को के दामों को भी दोगुना-तिगना कर बेचा जा रहा है। मतलब साफ है सब्जी मार्केट और फल मार्केट वाले पूर्णता कालाबाजारी पर उतर आए हैं।
पेट्रोल ब्लैक में बिकने की तैयारी
केवल इमरजेंसी सुविधाओं के लिए ही इस बार पेट्रोल वितरण किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कई ऑटो पार्ट्स वाले पेट्रोल को अधिक मात्रा में लेकर लॉकडाउन के समय इसकी कालाबाजारी करना चाहते हैं।
शराब की धड़ल्ले से बिक्री
लॉकडाउन को धंधा बनाते हुए और शराब को पैसे कमाने का जरिया समझने वाले लोगों की तो निकल पड़ी है छोटे कोचिया शराब स्टॉक कर रख रहे हैं ताकि इस लॉकडाउन में दुगुनी कीमत में बेचकर अपना जेब भर सकें।
thenewswave.com की प्रशासन व कलेक्टर से अपील है कि सब्जियों व फलों के एक निश्चित दाम निर्धारित करें, जिससे की आम जनता की जेब खाली होने से बचेंगी। वही, ब्लैक में बिकने वाले पेट्रोल और शराब तस्कर कोचियों पर भी लगाम लगाई जानी चाहिए। इससे ही यह लॉकडाउन सफल बन पाएगा अन्यथा लोगों में प्रशासन को लेकर काफी आक्रोश जागृत होगा।